ग्रेटर नोएडा. आज शिक्षा सबसे बड़ा व्यवसाय बन गई है. सरकार बच्चों को बेहतर शिक्षा नहीं दे पा रही है, इसलिए मजबूर होकर अभिभावक अपने बच्चों को निजी स्कूल में भेजने के लिए मजबूर हैं. वहीं प्राइवेट स्कूलों में लूट मची हुई है. बढ़ती महंगाई में अभिभावक अब स्कूलों की मनमानी से परेशान आ चुके हैं. बच्चों के स्कूल मैनेजमेंट द्वारा किताबों को खरीदने के विशेष दुकान पर ही खरीदने का दबाव और कोरोना काल में हाईकोर्ट के आदेश जिसमें 15% फीस स्कूल मैनेजमेंट को वापस करने पर अभी तक कार्रवाई नहीं होने से नाराज अभिभावकों ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया. अभिभावकों का कहना है कि निजी स्कूलों में लूट मची है इस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रविवार को अभिभावकों ने स्कूल मैनेजमेंट की मनमानी को लेकर और कोरोना काल में हाईकोर्ट के आदेश पर 15% फीस कम करने पर अभी तक फीस वापसी ना करने को लेकर सैकड़ों अभिभावकों और बच्चों ने प्रदर्शन किया. अभिभावकों का कहना है कि प्राइवेट स्कूल कैम्पस में जबरन ड्रेस, किताबें बेच रहे हैं. स्कूल से ही ड्रेस और किताबें लेने का दबाव बना रहे हैं. स्कूल मनमाने ढंग से फीस बढ़ा रहे हैं. अभिभावकों ने प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
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पेरेंट्स एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में जितने भी स्कूल खुले हुए हैं या तो वह किसी बड़े बिल्डर के हैं या राजनेताओं के संरक्षण प्राप्त व्यक्तियों के हैं या सरकारी अधिकारियों के हैं. स्कूलों पर किसी का भी कोई जोर नहीं चलता है. यह अपनी मनमानी करते हैं. हाई कोर्ट के ऑर्डर के बाद भी इन लोगों ने कोरोना काल की 15% फीस अभी तक वापस नहीं की है.
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