Vinesh Phogat: भारत की रेसलर विनेश फोगाट ने ओलिंपिक फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया था. हालांकि ओवर वेट के चलते उन्होंने फाइनल मैच से पहले ही अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

Vinesh Phogat: पेरिस ओलिंपिक में 10 दिन की निराशा के बाद 11वें दिन कोई इंडियन एथलीट गोल्ड मेडल की रेस में पहुंचा. विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी के रेसलिंग इवेंट के फाइनल में जगह बनाई. भारत का सिल्वर मेडल तो पक्का ही था, लेकिन उनकी परफॉर्मेंस को देखते हुए गोल्ड भी आ सकता था. सब कुछ सेट था लेकिन फाइनल की सुबह विनेश का वजन 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा निकल आया, जिस कारण उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया गया. स्टोरी में जानिए ओलिंपिक मेडल का वजन कितना होता है.

सोने में होती है 6 ग्राम शुद्धता
हर ओलंपिक का पदक एक अनूठी रचना होता है. जहां सोने के पदक में कम से कम 6 ग्राम शुद्ध सोना होना जरूरी है, वहीं इस बार के ओलंपिक पदक में 92.5% चांदी, 1.34% सोना और बाकी 6.16% तांबा शामिल है.

412 ग्राम होता है गोल्ड मेडल
सोने और चांदी के पदकों का वजन 412 ग्राम है, जबकि कांस्य पदक 357 ग्राम का है. प्रत्येक पदक का व्यास 85 मिमी और मोटाई 8-10 मिमी है. ये अब तक के सबसे बड़े और भारी ओलंपिक पदक हैं.

विनेश एक दिन में जीते 3 मैच
विनेश फोगाट ने 50 किग्रा वेट कैटेगरी में मंगलवार को 3 मैच खेले. प्री-क्वार्टर फाइनल में उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक की चैंपियन यूई सुसाकी को हरा दिया. क्वार्टर फाइनल में उन्होंने यूक्रेन और सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर को पटखनी दी. विनेश फाइनल में पहुंचने वालीं पहली ही भारतीय महिला रेसलर बनीं थीं, लेकिन 100 ग्राम ने आज उनका और भारत का ओलिंपिक गोल्ड मेडल जीतने का सपना तोड़ दिया.