Vinesh Phogat: विनेश आप सिर्फ मुस्कुराइए….क्योंकि आपने अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए ओलंपिक में तिरंगा ऊंचा किया. भले ही किस्मत और नियमों के चलते आप मेडल जीतने से चूक गई हैं, लेकिन आपने पूरे हिंदुस्तान का दिल जीता है. लल्लूराम डॉट कॉम आपको सलाम करता है….

Vinesh Phogat: विनेश आप सिर्फ मुस्कुराइए….आपने पूरे हिंदुस्तान का दिल जीता है…हमारे लिए उस मेडल से कहीं ज्यादा आपकी ये मुस्कान जरूरी है, जो पूरे देश के दिल को सुकून दे रही है…जब ओलंपिक में फाइनल से पहले अयोग्य घोषित होने के बाद आप आप हताश-निराश थीं तो पूरा देश उदास था, क्योंकि आप हमारे लिए एक चैंपियन हैं. आप उदास होने वालों में से नहीं हैं, आप सिर्फ मुस्कुराने के लिए बनी हैं. आपके खेल और मेहनत को हमारा सलाम है…..

इस वक्त पूरे सोशल मीडिया पर कुछ इसी तरह के भाव उमड़ रहे हैं. वजह है कि विनेश फोगाट की पेरिस ओलंपिक 2024 से वतन वापसी. 17 अगस्त को देश की बेटी भारत वापस लौट आई है. हर कोई उनकी वापसी से खुश है और दिल खोलकर उनका स्वागत-सत्कार कर रहा है, हो भी क्यों ना, विनेश फोगाट ने ओलंपिक में जाकर इतिहास जो रचा है.

विनेश ऐसी पहली और इकलौती महिला पहलवान बनी हैं, जिन्होंने 50 किलोग्राम भार कैटेगरी के फाइनल में जगह पक्की की थी, लेकिन शायद किस्मत रूठी थी, इसलिए गोल्ड मेडल से ठीक पहले उनका वजन 100 ग्राम ज्यादा निकल गया और इस तरह अयोग्य घोषित होने के बाद वो मेडल से चूक गईं.

गोल्ड मेडल के लिए होने वाले फाइनल से पहले डिस्क्वालीफाई होने वाला पल आपके लिए कभी ना भूलने वाला रहा, जिसने आपको अंदर से तोड़कर रख दिया, लेकिन देश के सपोर्ट और प्यार को देखकर आपके चेहरे की मुस्कान वापस लौट आई. ये हमारे लिए उस मेडल से कहीं ज्यादा जरूरी है.

विनेश दिल्ली एयरपोर्ट से रोते हुए निकलीं, क्योंकि उन्हें मेडल नहीं जीत पाने का गम था, लेकिन जैसे ही उन्होंने देशवासियों का प्यार देखा तो वो मुस्कुराईं. उनकी मुस्कुराते हुए कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जो हर एक खेल प्रेमी के दिल को सुकून दे रही हैं.

याद कीजिए विनेश आपने 3 दिग्गजों को एक दिन में हराया

विनेश मुस्कुराई… क्योकि आपने ओलंपिक जैसे मंच पर 1 ही दिन में तीन फाइट लड़ीं. तीनों जीतीं, वो भी दिग्गज पहलवानों के खिलाफ…यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है. आपके लिए पहला राउंड पार करना बेहद कठिन था, क्योंकि जापान की ओलंपिक विजेता और 4 बार की वर्ल्ड चैम्पियन युई सुसाकी सामने थीं, जिन्हें आपने धोबी पछाड़ मारकर जीत हासिल की. ये वही सुसाकी थीं जिन्होंने अपने इंटरनेशनल करियर के 82 मैचों में एक भी हार का सामना नहीं किया था. ऐसी धुरंधर पहलवान आपने 3-2 से हराकर सबका दिल जीत लिया था.

आप ही हैं रियल चैंपियन

विनेश आपने पहला राउंड जीतने के बाद क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भी जलवा दिखाया, क्योंकि सामने यूक्रेन की नंबर-1 महिला पहलवान ओक्साना लिवाच थीं, जिन्हें 7-5 से मात देकर सेमीफाइनल में एंट्री की. फिर सेमीफाइनल में आपने क्यूबा की रेसलर युसनेइलिस गुजमैन को 5-0 से एकतरफा अंदाज में हरा दिया. इस तरह आपने एक ही दिन में 3 दिग्गज पहलवानों को चित कर ये साबित कर दिया कि आप ही असली चैंपियन हैं.

विनेश को मेडल आखिर क्यों नहीं मिला?

दरअसल, विनेश ने पेरिस ओलंपिक के 6 अगस्त को लगातार 3 मैच खेलकर 50 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल जगह पक्की की थी. इस तरह उनका एक मेडल पक्का हो गया था. उनका गोल्ड जीतने भी लगभग तय माना जा रहा था, क्योंकि विनेश बढ़िया खेल रही थीं.

फाइनल मैच 7 अगस्त की रात को होना था, लेकिन उसी दिन सुबह 100 ग्राम वजन ज्यादा निकल गया. इसलिए विनेश को डिसक्वालीफाई कर दिया गया. जिसके बाद विनेश ने यह कहते हुए संन्यास ले लिया कि ‘मां मैं हार गई और कुश्ती जीत गई…’

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