मुकेश मेहता, बुधनी (सीहोर) मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के रहने वाले जूडो खिलाड़ी कपिल परमार ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने पेरिस पैरालिंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता। कपिल ने पुरुषों की जे1-60 किग्रा श्रेणी में कांस्य पदक के मुकाबले में ब्राजील के एलिल्टन डी ओलीवेरिया को हराकर यह सफलता प्राप्त की है।

करंट से आंखों की रोशनी चली गई

कपिल मध्य प्रदेश राज्य जूडो अकादमी भोपाल के प्लेयर है, वे मूलतः सीहोर के गांव मुरली के निवासी हैं। कपिल चार भाई बहनों में सबसे छोटे हैं। उनके पिता पहले टैक्सी ड्राइवर थे, अब गांव में पशुपालन करते हैं। कपिल 2019 से 2012 तक पहलवानी करते थे पर 2012 में करंट से आंखों की रोशनी चली गई, सिर्फ 20% ही लौट पाई। इस वजह से उन्हें कुश्ती छोड़नी पड़ी।2017 में ब्लाइड जूडो ज्वाइन किया, 2019 से 14 इंटरनेशनल टूर्नामेंट में 12 मेडल जीते।  इनमें से 8 गोल्ड है। 

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परमार का कांस्य पदक न केवल एक व्यक्तिगत जीत है, बल्कि पैरालंपिक खेलों में भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह देश में महत्वाकांक्षी पैरा-जुडोकाओं के लिए नए रास्ते खोलता है और इस अनुशासन में सफलता की संभावना को उजागर करता है।

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