मुंबई। एक तरफ लॉकडाउन की वजह से उद्योग-धंधों में काम चौपट होने से लोग रो रहे हैं, वहीं आम लोगों का दशकों से पसंदीदा बिस्किट Parle-G ने कीर्तिमान रचा है. यह कंपनी के आठ दशकों में इतिहास में सबसे अच्छी बिक्री दर्ज की.

हालांकि, Parle-G की उत्पादक कंपनी पारले प्रोडक्ट्स ने बिक्री के आंकड़ों को साझा नहीं किया है, लेकिन स्वीकार किया कि इन तीन महीनों – मार्च, अप्रैल और मई में बीते आठ दशकों में सबसे ज्यादा बिक्री हुई है. पारले प्रोडक्ट्स के केटेगरी हेट मयंक शाह बताते हैं कि इस अवधि में हमारा मार्केट शेयर करीबन 5 प्रतिशत बढ़ा है, और इसमें 80 से 90 प्रतिशत ग्रोथ Parle-G की बिक्री से आई है. यह ऐतिहासिक है.

लॉकडाउन के समय जब लोग जरूरत की सामानों को जुटाने में जुटे हुए थे, तब Parle-G की बिक्री नई उंचाइयों को छू रही थी. बाजार के जानकार बताते हैं कि यह ऐसा समय है, जिसमें लोगों के हाथ जो सामान लग रहा है, उसे वे उठाते जा रहे हैं. चाहे वह ज्यादा कीमत वाला हो या कम कीमत वाला.

कंपनी की रणनीति के संबंध में मयंक शाह बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान Parle-G बहुत से लोगों इस सामान्य दिनों की तरह खरीद रहे थे, तो बहुत से लोगों के लिए यह खाने की इकलौती वस्तु हो गई थी. यह सामान्य आदमी का बिस्किट है. जो लोग ब्रेड नहीं खरीद सकते वे Parle-G खरीदते हैं.

शाह बताते हैं कि इस समय बहुत सी राज्य सरकारें हमसे संपर्क साधे हुए हैं, जो बिस्किट की उपलब्धता की समय-समय पर जानकारी ले रही हैं. इसके अलावा एनजीओ ने भी बड़ी मात्रा में हमसे बिस्टिक की खरीदारी की है. हम भाग्यशाली है कि 25 मार्च के बाद हम अपने बिस्किट उत्पादन को फिर से शुरू कर पाए.

बता दें कि पारले प्रोडक्ट की पूरे भारत में 130 फैक्ट्रियां है, जिनमें से 120 निरंतर उत्पादन में लगी हैं. Parle-G ब्रांड सौ रुपए किलो से नीचे वाली वैल्यू श्रेणी में आता है, जिसकी 50 प्रतिशत बिक्री के साथ उद्योग की एक-तिहाई राजस्व पर कब्जा है.