नई दिल्ली। संसद का बजट सत्र का शुभारंभ शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधन के साथ हुआ. इस दौरान राष्ट्रपति ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा को देश को कमजोर करार दिया. इसका जहां सत्ता पक्ष की ओर से मेज थपथपाकर स्वागत किया, वहीं विपक्षी दलों ने इस पर शोर-शराबे के जरिए विरोध दर्ज कराया.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि मेरी सरकार का स्पष्ट मत है कि पारस्परिक चर्चा-परिचर्चा तथा वाद-विवाद लोकतंत्र को और सशक्त बनाते हैं. विरोध के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा, समाज और देश को कमजोर करती है. उन्होंने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि संसद के दोनों सदनों द्वारा नागरिकता संशोधन कानून बनाकर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की इच्छा को पूरा किया गया है. मैं पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की निंदा करता हूं और विश्व समुदाय से इसका संज्ञान लेने और इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने का भी आग्रह करता हूं.

राष्ट्रपति ने कहा कि विभाजन के बाद बने माहौल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान के हिंदू और सिख, जो वहां नहीं रहना चाहते, वे भारत आ सकते हैं. उन्हें सामान्य जीवन मुहैया कराना भारत सरकार का कर्तव्य है. बापू के इस विचार का समर्थन करते हुए, समय-समय पर अनेक राष्ट्रीय नेताओं और राजनीतिक दलों ने भी इसे आगे बढ़ाया. हमारे राष्ट्र निर्माताओं की उस इच्छा का सम्मान करना, हमारा दायित्व है.

सीएए के अलावा राष्ट्रपति कोविंद ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा रामजन्मभूमि पर दिए गए फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि फैसले के बाद देशवासियों द्वारा जिस तरह परिपक्वता से व्यवहार किया गया, वह भी प्रशंसनीय है. सरकार द्वारा पिछले पाँच वर्षों में जमीनी स्तर पर किए गए सुधारों का ही परिणाम है कि अनेक क्षेत्रों में भारत की अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में अभूतपूर्व सुधार आया है. मेरी सरकार, ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र पर चलते हुए, पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम कर रही है.

उन्होंने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और अनच्छेद 35 एक को दोनों सदनों द्वारा दो तिहाई बहुमत से हटाए जाने को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के समान विकास का भी मार्ग प्रशस्त हुआ है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का तेज विकास, वहां की संस्कृति और परंपराओं की रक्षा, पारदर्शी व ईमानदार प्रशासन और लोकतंत्र का सशक्तीकरण, मेरी सरकार की प्राथमिकताओं में हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जहां मार्च 2018 तक जम्मू-कश्मीर में लगभग 3,500 घर बनाए गए थे, वहीं दो साल से भी कम समय में 24,000 से ज्यादा घरों का निर्माण पूरा किया गया है.

राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार ने रिकॉर्ड समय में करतारपुर साहिब कॉरिडोर का निर्माण करके, गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर इसे राष्ट्र को समर्पित किया. देश की राजधानी दिल्ली में रहने वाले 40 लाख से ज्यादा लोग, बरसों से इस अपेक्षा में जी रहे थे कि एक दिन उन्हें अपने घर का मालिकाना हक और गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार मिलेगा. दिल्ली की 1,700 से अधिक कॉलोनियों में रहने वाले लोगों की इस अपेक्षा को भी सरकार ने पूरा किया है.

उन्होंने बोडो समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि पांच दशकों से चली आ रही बोडो समस्या को समाप्त करने के लिए केंद्र और असम सरकार ने हाल ही में बोडो संगठनों के साथ ऐतिहासिक समझौता किया है. इस समझौते से, ऐसी जटिल समस्या, जिसमें 4 हजार से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई, उसका समाधान निकला है. समझौते के बाद बोडो समुदाय के विकास के लिए सरकार द्वारा 1,500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. त्रिपुरा, मिजोरम, केंद्र सरकार और ब्रू जनजाति के बीच हुए ऐसे ही एक और ऐतिहासिक समझौते से, न सिर्फ दशकों पुरानी समस्या हल हुई है बल्कि इससे ब्रू जनजाति के हजारों लोगों के लिए सुरक्षित जीवन भी सुनिश्चित हुआ.