Parliament Dress Code Row: संसद के लोकसभा (Lok Sabha) में आज टी-शर्ट पहनकर आने पर बवाल मच गया। विपक्षी सांसदों द्वारा नारे लिखे टी-शर्ट (T-Shirt) पहनकर आने पर लोकसभा सभापति ओम बिरला (Om Birla) इतने नाराज हो गए कि सांसदों को आगे से ऐसा नहीं करने की नसीहत देते हुए दोपहर 12 बजे तक लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी।

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बता दें कि बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से ही परिसीमन, तीन भाषा नीति और वोटर लिस्ट के मुद्दे पर जोरदार हंगामा हो रहा है। खासतौर पर तमिलनाडु में सत्ताधारी डीएमके के सांसद इस मुद्दे पर सदन के भीतर और बाहर मुखरता से विरोध रहे हैं।
आज सुबह लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही डीएमके के कई सांसद नारे लिखे टी-शर्ट पहनकर कार्यवाही के दौरान पहुंच गए। नारे लिखे टी-शर्ट देखकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला नाराज हो गए। ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों नसीहत देते हुए कहा कि सदन में नारे लिखी हुई टी-शर्ट पहनकर न आएं।
बिरला ने विपक्षी सांसदों से कहा, ‘सदन मर्यादा और गरिमा से चलता है. मैं कुछ दिनों से देख रहा हूं कि सदस्यगण सदन की गरिमा को भंग कर रहे हैं और सदन की नियम-प्रक्रियाओं का पालन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘नियम संख्या 349 आपको पढ़ना चाहिए। इसमें सदन की प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए कैसा व्यवहार किया जाना चाहिए और कैसा आचरण होना चाहिए, उस बारे में लिखा हुआ है।
मर्यादा बनाना मेरी जिम्मेदारी
ओम बिड़ला ने कहा कि अगर आप टी-शर्ट खोलकर आएंगे तो सदन चलेगा, वरना सदन नहीं चलेगा। आप बाहर जाइये. इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। उन्होंने कहा कि कोई भी बड़ा नेता हो या कोई भी लीडर अगर वह सदन की मर्यादा का उल्लंघन करेगा तो स्पीकर के नाते इसे बनाए रखना मेरी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि आप सदन नहीं चलाना चाहते हैं और ऐसा कहते हुए उन्होंने कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
क्या लिखा था विपक्षी सदस्यों की टी-शर्ट पर?
लोकसभा स्पीकर ने अपनी सीट पर खड़े होकर शोरगुल कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा कि यदि वे सदन की कार्यवाही नहीं चलने देना चाहते तो बाहर चले जाएं। इसके साथ ही बिरला ने सदन की कार्यवाही गुरुवार दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। बता दें कि DMK सांसद टी शिवा संसद में एक टी-शर्ट पहनकर पहुंचे, जिस पर लिखा था, ‘निष्पक्ष परिसीमन, तमिलनाडु लड़ेगा, तमिलनाडु जीतेगा।’ उन्होंने कहा, ‘तमिलनाडु निष्पक्ष परिसीमन पर जोर दे रहा है। इससे करीब 7 राज्य प्रभावित होंगे, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इसलिए हम निष्पक्ष परिसीमन की मांग को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रख रहे हैं।
क्या होता है परिसीमन, क्यों उठा ये मुद्दा?
परिसीमन संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों को जनसंख्या परिवर्तन के अनुसार पुनः परिभाषित करने की प्रक्रिया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में लगभग समान संख्या में लोग रहते हों। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो परिसीमन सीधे आकार से जुड़ा हुआ है। बड़ी आबादी वाले राज्यों को संसद में कम आबादी वाले राज्यों की तुलना में ज्यादा प्रतिनिधि मिलते हैं। दक्षिण के कई राज्यों की चिंता ये है कि उत्तर भारत के ज्यादा आबादी वाले राज्यों को परिसीमन में ज्यादा सीटें मिलेंगी जिससे संसद में उनका प्रतिनिधित्व कम हो जाएगा।
क्या कहता है नियम
बता दें कि भारत में संसद या विधानसभा सदस्यों के लिए कोई ड्रेस कोड नहीं है। सासंद अपने हिसाब से किसी भी तरह के कपड़े पहन सकते हैं। जैसे जब भारत आजाद हुआ था तो सांसद खादी पहनते थे। धोती कुर्ता या फिर कुर्ता पायजामा पहना करते थे। फिर कुछ लोग हाफ जैकेट (नेहरू जैकेट) भी पहनते थे। इसके बाद सांसदों ने शर्ट-पैंट आदि पहनना शुरू कर दिया। दक्षिण भारतीय सांसद लूंगी पहनकर आते हैं। बस ऐसा कहा जाता है कि कपड़े गरिमामय हों। ब्रिटेन में पहले सासंदों के लिए नियम था और उन्हें टाई आदि पहननी होती थी, लेकिन अब वहां भी ऐसा नहीं है।
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