Akhilesh Yadav In Parliament Monsoon Session Live: संसद के मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस आज भी जारी है। गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में पहलगाम हमले के तीन गुनहगारों को मारने की जानकारी दी। बहस में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी अपनी बात रखी और सरकार पर कई सवाल दागे। अखिलेश यादव ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि- मैं दुनिया को मनाने में लगा हूं, मेरा घर मुझसे रुठा जा रहा है।
सपा प्रमुख ने कहा कि हमें अपनी फौज पर गर्व है। सेना ने अपना ऑपरेशन शुरू किया तो टेरर कैंप और वहां के एयरबेस को भी ध्वस्त किया। जब हमारी सेना पाकिस्तान को एक सबक सिखा सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं कर पाए।
कुछ लोग कह रहे थे कि 6 महीने का मौका मिल जाए, PoK हमारा होगा। सीजफायर की घोषणा सरकार करती तो अच्छा था। लेकिन सरकार ने किस दबाव के चलते सीजफायर स्वीकार किया? सरकार जनता के इमोशंस का फायदा उठा रही है। हमले के दिन हर पर्यटक पूछ रहा था कि कोई हमारी रक्षा करने वाला, बचाने वाला क्यों नहीं था। जो सरकार दावा करती है कि 370 के बाद कश्मीर में कोई घटना नहीं होगी।
किस दबाव में हुआ सीजफायर’, अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि विपक्ष के लोगों को बधाई मिल रही है, सत्ता पक्ष के लोगों को कोई बधाई नहीं दे रहा है। मैं दुनिया को मनाने में लगा हूं, मेरा घर मुझसे रूठा जा रहा है। ये लाइनें बीजेपी के लिए कह रहा हूं। उन्होंने कहा कि हमारी फौज दुनिया की सबसे साहसी फौज में से एक है। सेना के शौर्य पर हमें गर्व है। उन्होंने कहा कि जब ऑपरेशन चल रहा था, तब कुछ चैनल तो यहां तक कहने लगे थे कि कराची हमारा हो गया। एक चैनल ने तो यहां तक कह दिया कि हमने उनको पकड़ भी लिया। वैसे तो सरकार के सभी इंजन टकराते दिखते हैं, लेकिन इस विषय पर सभी एक थे. किसी ने कहा कि छह महीने का समय मिल जाए, तो पीओके हमारा. लेकिन इनकी मित्रता बहुत है। इन्होंने अपने मित्र से ही कहा कि आप ही सीजफायर का ऐलान कर दीजिए, हमारा कोई काम नहीं है। क्या वजह थी कि सीजफायर का ऐलान किया गया, किस दबाव में सीजफायर हुआ. सरकार जनभावना का लाभ उठाती है। सरकार को यह जरूर बताना चाहिए कि वह क्या क्या कदम उठा रही है, जिससे ऐसी घटना दोबारा नहीं हो। पुलवामा में भी इंटेलिजेंस फेल्योर की बात आई थी, जिम्मेदारी किसकी है ये किसी को नहीं पता. खुफिया तंत्र क्यों नाकाम हो रहा।
चीन से आतंकवाद जितना ही खतरा
सपा अध्यक्ष ने कहा- हमारे पड़ोसी देश या तो अतिक्रमण कर रहे हैं या हमारे साथ नहीं है। ये तो मंत्री जी जानते होंगे कि पड़ोसी देश कितना अतिक्रमण कर रहा है। सरकार के ऐसे मामलों में सतर्कता से काम लेना होगा। सरकार जवाब दे कि पाकिस्तान के पीछे कौन सा देश खड़ा है। हमें चीन से उतना ही खतरा है, जितना आतंकवाद से हैं। सरकार की नीतियां, फैसले ऐसे हैं, जिनसे खतरा है, उन्हें मदद मिल रही है। सरकार ने देश को ट्रेडर्स कंट्री बनाकर छोड़ दिया है। करप्शन जगह जगह लीक होकर टपक रहा है। सरकार को अपनी राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक नीतियों के लिए SIR लाने की जरूरत है। सरकार की यही कोशिश होती है कि चूक कहकर हम बच जाएं।
जिस तरह से पीटा गया ऑपरेशन सिंदूर का ढोल, वह निंदनीय
अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार को कम से कम संसद में यह जानकारी देनी चाहिए कि हमारा क्षेत्रफल क्या है। जिस तरह का लाभ लेना चाहते हैं बीजेपी के लोग, जिस तरीके से बीजेपी के ऑफिशियल हैंडल से कार्टून पोस्ट किया गया। वह बीजेपी की मानसिकता दर्शाता है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का होना ही सरकार की सबसे बड़ी विफलता है। ऑपरेशन सिंदूर पर हम और आप यहां बैठकर चर्चा कर रहे हैं, यही सरकार की विफलता है. आजादी के अमृतकाल का ढिंढोरा पीटा जा रहा है और विदेशी ताकतों की ओर से कहा जा रहा है कि युद्ध हमने रुकवाया। देश की सार्वभौमिकता क्षीण हुई है। ऑपरेशन सिंदूर का जिस तरह से ढोल पीटा गया, वह भी निंदनीय है। सरकार जवाब दे कि पाकिस्तान के पीछे कौन सा देश खड़ा है। हमें चीन से उतना ही खतरा है, जितना आतंकवाद से। सरकार की नीतियां, फैसले ऐसे हैं जो सीमाओं का अतिक्रमण करने वाले की व्यापारिक गतिविधियों में मदद करने वाले हैं. बात देश की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की होनी चाहिए। आर्थिक मामलों में सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है। कुल मिलाकर सरकार को अपनी राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक नीतियों के लिए असर लाने की जरूरत है।
कनिमोझी बोलीं- केंद्र सरकार ने देश को निराश किया
DMK सांसद कनिमोझी ने कहा- हमें इन प्रतिनिधिमंडलों (ऑपरेशन सिंदूर ग्लोबल आउटरीच पर सांसदों के प्रतिनिधिमंडल) में जाना पड़ा क्योंकि शांति व्यवस्था विफल हो गई थी और आपने (केंद्र सरकार ने) भारत के लोगों को निराश किया था।
उन्होंने कहा- पहली बार भाजपा ने विपक्ष पर थोड़ा भरोसा दिखाया है। उन्होंने हमें इस देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए (सांसदों के) प्रतिनिधिमंडलों के नेता के तौर पर भेजा है। मैं उनका धन्यवाद करती हूं, लेकिन साथ ही मैं यह भी कहना चाहूंगी कि अगर इन प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने का अवसर न आया होता तो हम ज्यादा खुश और आभारी होते। उन्होंने कहा कि आज गृह मंत्री ने अपने भाषण में सिर्फ विपक्ष को दोष देने का इरादा किया। आज यह एक दोषारोपण का खेल बन गया है। आज गृह मंत्री ने अपने भाषण में सिर्फ विपक्ष को दोष देने का इरादा किया।
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