बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के संसदीय सचिवों के मामले में हाईकोर्ट का फैसला आने तक उन्हें पद और सुविधाओं से वंचित रखने की मांग करने वाले आवेदन पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डबल बेंच थोड़ी देर में फैसला करने वाली है.
इस मामले में याचिकाकर्ता मोहम्मद अकबर ने कोर्ट से मांग की थी कि जब तक इस मामले में अंतिम फैसला न आ जाए तब तक प्रदेश के 11 संसदीय सचिवों को वेतन, भत्तों, गाड़ियों और दूसरी सुविधाओं के लाभ से वंचित रखा जाए. इस मामले में अंतिम फैसला 23 अगस्त को आना है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने असम के मामले में फैसला दे दिया है कि संसदीय सचिवों की नियुक्ति का अधिकार राज्य सरकारों को नहीं है.
माना जा रहा है कि इस फैसले के बाद प्रदेश के संसदीय सचिवों को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ेगी. हांलाकि यहां अब भी सरकार की दलील है कि संसदीय सचिवों का पद लाभ का पद नहीं है.