पुरूषोत्तम पात्रा, गरियाबंद- माओवादी बनकर संसदीय सचिव गोवर्धन मांझी से फिरौती मांगना दो युवकों को महंगा पड़ गया. फिरौती की रकम तो नहीं मिली, बदले में उनके हिस्से सलाखें आई. दरअसल मामला 25 मई का है. बिंद्रा नवागढ़ विधायक गोवर्धन मांझी से माओवादी बनकर दो लाख रूपए की फिरौती मांगी गई थी. तब मामला सुर्खियों में रहा था. संसदीय सचिव को माओवादियों की ओर से धमकी भरा पत्र सामने आने के बाद से पुलिस प्रशासन में भी हड़कंप मच गया.
पत्र में नक्सली कमांडर ललित बताकर फिरौती की रकम मांगी गई थी. धमकी देते हुए कहा गया था कि यदि रकम दो दिनों के भीतर नहीं दी गई, जान से हाथ धोना पड़ सकता है. मांझी से दो लाख रूपए के साथ-साथ टच स्क्रीन मोबाइल की भी मांग की गई थी. ऐसा ही एक पत्र धनोरा पंचायत सचिव तुकाराम नायक को भी दिया गया था.
मामले की सूचना मिलते ही अमलीपदर पुलिस जांच में जुट गई थी. पुलिस ने गहन जांच के बाद संसदीय सचिव और सरपंच को धमकी देने के मामले में पिपलखूटा निवासी दुर्गा तुलाराम मोहंती और दिरजो राम को हिरासत में लिया गया है. दोनों युवकों ने नक्सली की आड़ में कमाई करने की मंशा से धमकी भरा पत्र लिखा था. अमलीपदर थाना प्रभारी नरेंद्र तिवारी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 398 (34) के तहत मामला पंजीबद्ध कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है.