भागलपुर। जिले के बरारी थाना क्षेत्र में मंगलवार सुबह एक सनसनीखेज मामला सामने आया। हम (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) पार्टी के महादलित प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष लक्ष्मीकांत मांझी का शव मुसहरी घाट के पास एक खाई में मिला। स्थानीय लोगों ने शव देखकर पुलिस को सूचना दी जिसके बाद बरारी थाना की टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने हत्या या दुर्घटना दोनों ही संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

मृतक की पहचान

मृतक की पहचान शाहकुंड थाना क्षेत्र के सादपुर गांव निवासी 60 वर्षीय लक्ष्मीकांत मांझी के रूप में की गई। वे जिले की राजनीति में सक्रिय थे और महादलित समुदाय के मुद्दों को उठाने के लिए जाने जाते थे।

अचानक मिली मौत की सूचना

परिजनों ने बताया कि लक्ष्मीकांत मांझी करीब पांच दिन पहले घर से निकले थे जिसके बाद से उनका कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था। परिवार ने कई जगह तलाश की, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिला। मंगलवार को पुलिस द्वारा शव मिलने की सूचना मिलने पर परिजन पहुंच गए और उन्होंने हत्या की आशंका जताई। मृतक के बेटे तिलो मांझी ने कहा कि उनके पिता का इस तरह लापता हो जाना और फिर शव मिलना संदेह पैदा करता है। लक्ष्मीकांत की बहन राजकुमारी देवी का फिलहाल अस्पताल में इलाज चल रहा है। बहन ने बताया कि सोमवार को ही उनके भाई उनसे मिलने आए थे। उनका कहना है कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके भाई की हत्या कर शव को खाई में फेंक दिया होगा। बरारी थाना अध्यक्ष बिट्टू कुमार ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगा कि मौत कैसे हुई। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने यह भी संभावना जताई है कि लक्ष्मीकांत मांझी शौच के लिए घाट की ओर गए होंगे और फिसलकर नीचे गिर गए होंगे। हालांकि पुलिस सभी बिंदुओं पर गंभीरता से जांच कर रही है।

दहशत और कई तरह की चर्चाएं फैली

घटना के बाद इलाके में दहशत और तरह-तरह की चर्चाएं फैल गई हैं। पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है और परिजन निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।