Paryushan Parva : हर साल भाद्रपद माह में जैन धर्म में पर्युषण पर्व मनाया जाता है. 19 सितंबर 2023 से दिगंबर जैन पंथ के पर्युषण पर्व की शुरुआत हो चुकी है जिसकी समाप्ति 29 सितंबर 2023 को होगी. दिगंबर जैन का पर्युषण पर्व 10 दिनों तक चलता है. पर्युषण के पांच कर्तव्य संवत्सरी, केशलोचन, प्रतिक्रमण, तपश्रर्या और आलोचना और क्षमायाचना हैं. इन ही कर्तव्य को पूरा करने के लिए इन दिनों में जैन समुदाय के सभी लोग नियम-संयम का पालन करते हैं.
दसलक्षण पर्व के इन 10 दिनों में कोई एकासन कर रहा है, तो किसी ने उपवास का संकल्प लिया है. सुबह जल्दी उठकर घर के सारे कामों को पूरा करके मंदिर जाना और फिर दिन भर विभिन्न आयोजनों में व्यस्त रहना. कुछ इसी तरह की दिनचर्या शुरू हो चुकी है. दस दिनों तक यही नियमित दिनचर्या रहेगी जिसका महिलाओं के साथ घर के अन्य सदस्य भी पालन करेंगे.
एक बार ही खाना खाएंगे (Paryushan Parva)
कई परिवारों में पर्यूषण में दिन में बस एक ही बार खाना बनता है. जो एकासन व्रत रखता है वह सिर्फ एक ही बार बैठकर खाना खाता है और पानी भी एक ही बार लेता है. फिर दोबारा कुछ नहीं खाया जाता. इसके साथ ही जो उपवास रखते हैं वो फलाहार लेते हैं. इन दस दिनों तक लोग बाहर का कुछ नहीं खाते. विशेष तौर पर हरी पत्तेदार सब्जियां और कंदमूल खाना वर्जित माना गया है.
छोटे बड़े सभी करते हैं नियमों का पालन
इन दिनों में जैन समुदाय के सभी लोग नियम-संयम का पालन करते हैं. दसलक्षण पर्व में घर में शुद्ध खाना बनता है. जो कुछ खाते हैं ताजा ही खाते हैं. यहां तक कि पानी भी बाहर का नहीं पीते. कई घरों में व्रत तो नहीं करते लेकिन सारा नियम-कायदा मानते हैं. बच्चे भी एकासन या उपवास रखते हैं. स्कूल-कॉलेज जाने वाले बच्चे भी बाहर का कुछ नहीं खाते. मंदिरों में महाराज जी के प्रवचन सुने जाते हैं ताकि अच्छे विचार मन में आएं.
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