
पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। जिले के फिंगेश्वर ब्लॉक के छोटे से गांव परसदा जोशी में रहने वाले मजदूर हीरालाल यादव की बेटी फामेश्वरी न केवल गरियाबंद की, बल्कि प्रदेश का गौरव बन गई है. 24 मार्च को घोषित अग्निवीर महिला सैन्य पुलिस (WMP) भर्ती का परिणाम में पास होने वाली फामेश्वरी छत्तीसगढ़ की पहली महिला है. यह भी पढ़ें : सुकमा नक्सल मुठभेड़ अपडेट: सुरक्षा बल को मिली बड़ी कामयाबी, 16 नक्सलियों के शव बरामद, भारी मात्रा में हथियार व विस्फोटक सामग्री जब्त
फामेश्वरी की सफलता एक कहानी के हकीकत में तब्दील होने का सबूत है. मजदूरी कर परिवार चलाने वाले हीरालाल के दो बेटों के बाद सबसे छोटी बेटी है फामेश्वरी. राजीव लोचन कॉलेज में बीएससी सेकेंड ईयर की छात्रा फामेश्वरी के बुआ का बेटे और गांव का एक युवक अग्निवीर हैं, जिनकी वर्दी देखकर कर उसमें भी जुनून पैदा हुआ और अग्निवीर बनने की ठान ली. मजदूर पिता के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि उसे कोचिंग दिला सके. लिहाजा, मजदूरी पर जाने से पहले बेटी को दौड़ना और फिजिकल एक्टिविटी खुद कराने लगे. आज परिणाम सामने है.

बेटी के लिए मां को सहने पड़े ताने
फामेश्वरी ने अग्निवीर बनने की ठान ली, तो गांव के लोग मां खेमीन बाई को उलहाना देने लगे. लेकिन मां भी बेटी की मर्जी और जिद के साथ थी. कहने वाले की परवाह किए बगैर बेटी के सपनों की उड़ान को पूरा परिवार ने पंख लगा दिया. मां ने कहा कि उनकी और भी बेटियां होती, तो उन्हें भी देश सेवा में भेज देती.

राज्य की अन्य युवतियां भी होंगी प्रेरित
आज फामेश्वरी भारतीय सेना में अग्निवीर महिला पुलिस के तौर चयनित होने वाली छत्तीसगढ़ राज्य की पहली महिला बनी हैं. यह फामेश्वरी की ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ राज्य के लिए बड़ा ही ऐतिहासिक व गर्व का अवसर है. फामेश्वरी का मानना है कि उसकी सफलता से राज्य की अन्य युवतियां भी प्रोत्साहित होंगी और भविष्य में ज्यादा से ज्यादा संख्या में भारतीय सेना में चयनित होकर देश सेवा में प्रतिभागी बनेंगी.

कलेक्टर-एसपी ने की सराहना
सेना भर्ती कार्यालय, रायपुर के अधिकारियों द्वारा फामेश्वरी यादव को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया. कलेक्टर दीपक अग्रवाल और एसपी निखिल राखेचा ने भी फामेश्वरी के जज्बे की सराहना की है. फामेश्वरी यादव की ट्रेनिंग 01 मई से सेना मिलिट्री पुलिस सेंटर, बेंगलुरू (कर्नाटक) में शुरू होगी.
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