महासमुंद। अनुदान प्राप्त जर्जर स्कूल में पढ़ाई को मजबूर पतेरापाली के बच्चों के लिए तत्काल स्थानीय शासकीय माध्यमिक स्कूल में पढ़ाई की व्यवस्था करने के साथ एक शिक्षक की नियुक्ति की गई है. जिला शिक्षा अधिकारी के इस फैसले के बाद पालकों ने गुरुवार से अपने बच्चों को स्कूल भेजने पर सहमति जताई है.

बता दें कि महासमुंद जिला मुख्यालय से 150 किमी दूर जिले के अंतिम छोर पर ग्राम पंचायत पतेरापाली बसा है. लगभग 3 हजार की आबादी वाले गांव में रहने वाले गरीब है. वहीं वनाचंल होने के साथ क्षेत्र नक्सल प्रभावित भी है. ग्राम पंचायत पतेरापाली के पांच आश्रित ग्राम सनदरहा, सरगुनाभाठा, गौरबहाल, साहजपानी एवं बाभ्नीद्वार हैं. इनमें से 4 गांवों में शासकीय प्राथमिक शाला है, लेकिन पतेरापाली के बच्चे एक अनुदान प्राप्त निजी शाला में पढ़ाई करने को मजबूर हैं.

इसे भी पढ़ें : व्यापारी के घर में घुसकर हमला करने वाले आरोपी गिरफ्तार, जानिए क्या था उनका इरादा…

अनुदान प्राप्त स्कूल वर्तमान में जर्जर हो चुका है. छत जगह-जगह से टूटी है. स्कूल की साफ-सफाई करने वाला कोई नहीं है. यहां तक स्कूल में शौचालय – बिजली तक नहीं है. बच्चों को न तो गणवेश मिलता है, न ही पाठ्य पुस्तक. बच्चों के पालकों की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि वे ड्रेस, कापी खरीद सके. पालकों ने कई बार अधिकारियों से शासकीय स्कूल खोलने की मांग की, लेकिन कोई काम नहीं होता देख 27 बच्चों ने टीसी निकालकर मंगलवार को कलेक्टर से मिलने पहुंच गए थे.

इसे भी पढ़ें : किसान करें ‘गरीबों के सेब’ की खेती, एक बार लगाएं सालों साल कमाएं… 

बच्चों को परेशानी को देखते हुए कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को गांव में जाकर स्थिति का मुआयना करने कहा था. कलेक्टर के आदेश पर पतेरापाली पहुंचे डीईओ ने बच्चों के साथ पालकों से मुलाकात की. समस्या को समझने के बाद बेसिक बापू जी प्राथमिक शाला पतेरापाली का अनुदान बंद करने का आदेश देने के साथ बच्चों के शासकीय माध्यमिक शाला पतेरापाली में ही पढ़ाई की व्यवस्था की. इसके साथ ही एक शिक्षक की पदस्थापना की. इसके अलावा शासकीय स्कूल की मांग का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजने का आश्वासन दिया है.

Read more : CM Baghel’s Father’s Health Deteriorated; Referred To Raipur