पंजाब सरकार ने राज्य को देश के प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में घोषणा की कि पठानकोट से लगे पहाड़ी क्षेत्रों में विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल विकसित किए जा रहे है, जबकि अमृतसर और मोहाली को भी आधुनिक पर्यटन सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। सरकार का दावा है कि आने वाले समय में पंजाब पर्यटन उद्योग का प्रमुख केंद्र बन जाएगा।

बॉलीवुड और पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के लिए नया

पर्यटन-मनोरंजन उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए CM मान ने उद्योगपतियों को खुला आमंत्रण दिया है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत पंजाब में एक अत्याधुनिक फिल्म सिटी स्थापित करने की तैयारी है, जो बॉलीवुड और पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के लिए नया गंतव्य बनेगी। इसके साथ ही अमृतसर में एक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण भी किया जाएगा, जो खेल पर्यटन को नई ऊंचाइयां देगा। यह पहल न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देगी, बल्कि लाखों युवाओं के लिए रोज़गार के नए अवसर भी खोलेगी।

पंजाब सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है “पंजाब टूरिज़्म एंड हेरिटेज अथॉरिटी एक्ट, 2025” का पारित होना। यह ऐतिहासिक कानून पर्यटन विकास की सभी योजनाओं, निवेश और क्रियान्वयन पर एकीकृत निगरानी सुनिश्चित करता है। इस अथॉरिटी के माध्यम से निजी निवेशकों को सिंगल-विंडो क्लीयरेंस मिलेगी, जबकि स्थानीय समुदायों को पर्यटन राजस्व में सीधी हिस्सेदारी मिलेगी। यह कदम दर्शाता है कि सरकार पर्यटन को केवल राजस्व का साधन नहीं, बल्कि सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन का माध्यम मानती है।

फिरोज़पुर में सारागढ़ी म्यूज़ियम 21

फिरोज़पुर में सारागढ़ी म्यूज़ियम 21 सिख सैनिकों की वीरगाथा को अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों तक पहुंचा रहा है
शहीदों की विरासत को संजोने के मामले में पंजाब सरकार का निवेश अभूतपूर्व रहा है। खटकर कलां स्थित शहीद भगत सिंह संग्रहालय को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस किया गया है, जहां 3D होलोग्राम, इंटरैक्टिव डिस्प्ले और मल्टीमीडिया प्रेज़ेंटेशन के ज़रिए आज़ादी की लड़ाई को जीवंत किया गया है। इसी तरह फिरोज़पुर में सारागढ़ी म्यूज़ियम 21 सिख सैनिकों की वीरगाथा को अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों तक पहुंचा रहा है। जलियांवाला बाग, किला मुबारक (पटियाला) और अन्य ऐतिहासिक स्थलों का भी आधुनिकीकरण किया जा चुका है, जिससे घरेलू और विदेशी पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।

‘हिमालयन गेटवे ऑफ पंजाब’ के रूप में विकसित

पठानकोट और आसपास के पहाड़ी क्षेत्रों को पंजाब सरकार ने ‘हिमालयन गेटवे ऑफ पंजाब’ के रूप में विकसित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। रंजीत सागर डैम और शाहपुरकंडी डेम को एडवेंचर टूरिज़्म हब में बदला जा रहा है, जहां जेट-स्कीइंग, काइट सर्फिंग, जिप-लाइनिंग और लक्जरी फ्लोटिंग रिसॉर्ट्स जैसी सुविधाएं उपलब्ध है। कंडी ज़िले (गुरदासपुर, होशियारपुर, पठानकोट) में शिवालिक पहाड़ियों में 15 नए ट्रैकिंग रूट, जंगल सफारी, कैंपिंग साइट्स और ग्रामीण होमस्टे विकसित किए गए है। यह पहल न केवल साहसिक खेलों के शौकीनों को आकर्षित कर रही है, बल्कि स्थानीय युवाओं को गाइड, ऑपरेटर और उद्यमी के रूप में रोज़गार भी दे रही है।