प्रतीक चौहान/कैलाश रविदास. रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयुष्मान कार्ड को बतौर एटीएम इस्तेमाल किया जा रहा है. यहां डॉक्टर मरीज से पहले ही उस दस्तावेज में हस्ताक्षर करवाने का दावा करते है, जिसमें ये लिखा हुआ होता है कि मरीज को आयुष्मान कार्ड से पैसे भी काट लिए जाएंगे और अतिरिक्त जो पैसा लिया जाएगा उसका बिल उन्हें नहीं मिलेगा.
ये पूरा मामला शंकर नगर स्थित SMC HEART INSTITUTE का है. यहां प्रसन्ना चौहान नाम के एक मरीज को परिजनों ने भर्ती कराया था. उनके पास आयुष्मान कार्ड मौजूद था. अस्पताल के स्टॉफ ने जो दावा किया है उसके मुताबिक उन्होंने मरीज को पहले ही ये बता दिया था कि उन्हें 2 लाख 38 हजार रुपए का खर्चा सिंगल स्टंट का लगेगा, अस्पताल का ये भी दावा है कि उन्होंने मरीज को ये भी बता दिया था 50 हजार रुपए आयुष्मान कार्ड से कटेगा और बाकी का उन्हें कैश देना होगा और इसका कोई भी बिल उन्हें नहीं मिलेगा.
चूंकि मरीज का पुत्र एक सिक्योरिटी गार्ड है. इसलिए पिता के यहां इलाज के बाद वे श्री कच्छ गुर्जर क्षत्रिय समाज में मदद मांगने अपने समाज में गए. जहां से लल्लूराम डॉट कॉम को ये सूचना मिली कि अस्पताल में इलाज के बाद पैसे तो लिए जा रहे है, लेकिन इसका कोई भी बिल उन्हें नहीं दिया जा रहा है.
लल्लूराम डॉट कॉम की टीम पहुंची SMC हॉस्पिटल
इसके बाद लल्लूराम डॉट कॉम की टीम शंकर नगर स्थित एसएमसी हॉस्पिटल पहुंची. जिसके बाद सबसे पहले काउंटर में टीम ने बिल की डिमांड की. तो वहा कहा गया कि बिल नहीं मिलेगा, क्योंकि मरीज आयुष्मान से भर्ती हुआ है. काउंटर में मौजूद स्टॉफ ने इस पूरे मामले में मैनेजर से बात करने कहा.
इसके बाद टीम अस्पताल के मैनेजर के पास पहुंची. जहां मैनेजर ने कहा कि उन्होंने मरीज को पहले ही ये बता दिया था कि आयुष्मान से इलाज होने के बाद उन्हें बिल नहीं दिया जाएगा और पूरे पैसे कैश में लिए जाएंगे. हालांकि आधे घंटे की जद्दोजहद के बाद मैनेजर अस्पताल के डायरेक्टर डॉ सतीश सूर्यवंशी तक पहुंचा और उन्होंने बिल दे देने की बात कही. लेकिन इसमें भी अस्पताल प्रबंधन ने बड़ी चालाकी की.
जानें क्या की अस्पताल ने चालाकी
अस्पताल प्रबंधन ने मरीज और उसके परिजनों को धोखे में रखते हुए जो बिल उन्हें दिया वो पूरा कैश का दिया. जबकि मरीज का कार्ड वह आयुष्मान से ब्लॉक कर चुके थे. जब आयुष्मान से कार्ड ब्लॉक करने की जानकारी मांगी गई, तो कहा कि उसका बिल 15 दिन बाद देंगे और आयुष्मान से जुड़ी कोई भी रसीद अब तक अस्पताल प्रबंधन ने मरीज को नहीं दी है. इस संबंध में डॉ सतीश सूर्यवंशी से जब जानकारी ली गई, तो उन्होंने कहा कि कोई कंफ्यूजन हो गया था, स्टॉफ नया है. इसलिए बिल नहीं देने की बात कह रहा था, लेकिन अभी बिल दे दिया गया है. लेकिन उन्हें जब ये पूछा गया कि मरीज का आयुष्मान कार्ड ब्लॉक हुआ है या नहीं, तो बोले मैं दिखवाता हूं. मेरी जानकारी में नहीं है.
जनरल वार्ड में भर्ती, सिंगल स्टंट का 2 लाख 23 हजार और बिल 15 दिन बाद देंगे
इस अस्पताल में जिस मरीज को सिंगल स्टंट लगाया गया है, उस मरीज से अस्पताल प्रबंधन ने 25 हजार रुपए चेक ( समाज से सहायता प्राप्त, लिया), इसके अलावा 18 हजार रुपए ऑन लाइन पेमेंट लिया और 1 लाख 30 हजार रुपए कैश लिया. इसके एवज में मरीज को बिल देने के बजाए सिर्फ कैश रिसिप्ट दी गई है और बिल 15 दिन बाद देने की बात अस्पताल प्रबंधन ने मरीज से कही है. जबकि राजधानी रायपुर के अन्य अस्पतालों में सिंगल स्टंट का इससे आधा शुल्क लिया जाता है.
कार्ड ब्लॉक, मरीज पहुंचा घर… और आयुष्मान से डिस्चार्ज नहीं…
लल्लूराम डॉट कॉम ने अपने सूत्रों से ये जांच करवाई तो मरीज का कार्ड उसी हॉस्पिटल में ब्लॉक होने की जानकारी वेबसाइट से हुई. इससे ज्यादा हैरानी की बात ये है कि आयुष्मान कार्ड के माध्यम से उसे डिस्चार्ज नहीं दिखाया गया है. लेकिन 27 अगस्त को मरीज 7 बजे अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर पहुंच चुका था. वहीं मरीज अब इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग से शिकायत की तैयारी में है.