सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर- पचपेड़ी नाका स्थित मनोपचार अस्पताल में आज उपचार के दौरान एक रोगी की मौत हो गई. मृतक उमाकांत तिवारी के भाई रमाकांत तिवारी ने इलाज में जानबूझकर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि इंजेक्शन लगाते ही मेरे भाई की जान चली गई. उसे पांच दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया था. उसकी हालत सामान्य थी. वह खाना भी खा रहा था.
डॉक्टरों ने दो लाख रुपए जमा करने कहा था. जमा नहीं किया तो आज मेरे भाई को मार डाला. मुझे मिलने नहीं दे रहे थे. डॉक्टरों ने मौत का कारण खाना फंसने बताया. परिजनों का कहना है कि उसने रात में खाना खाया था. लेकिन 12 घंटे बाद कैसे मौत हो गई?
जानकारी के मुताबिक परिजनों ने ब्रेन के इलाज के लिए भर्ती किया था. सतना निवासी उमाकांत भांठागांव स्कूल में काम करता था. पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए मेकाहारा हॉस्पिटल लाया गया.
परिजनों के इन आरोपों के बाद लल्लूराम डॉट कॉम ने अस्पताल का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क किया. संवाददाता ने डॉ उत्कर्ष दुबे से बात की. डॉक्टर ने पहले मरीज का नाम पूछा फिर नाम बताने पर डॉक्टर ने ये कहते हुए फोन काट दिया कि पहले मरीज की फाईल लेकर आओ फिर बात करूंगा. उन्होंने अपना पक्ष रखने से साफ इंकार कर दिया.