मुकेश मिश्रा, अशोकनगर। अशोकनगर जिला अस्पताल में कीड़े वाला खाना मरीजों के परिजनों (अटेंडरों) को मिल रहा है। इसके अलावा घटिया किस्म का चावल मिल रहा है। वहीं थाली से दाल गायब हो गया है। सब्जी में भी पानी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। ये हाल तब है, जब मरीज के अटेंडरों को खाना खिलाने की जिम्मेदारी नगर पालिका के पास है।

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शासन आम जनों को कई प्रकार की सुविधाएं दे रही हैं। इन्ही सुविधाओं में जिला अस्पताल आने वाले मरीजों के अटेंडरों को भी नगर पालिका द्वारा भोजन वितरण किया जाता है। हालांकि योजनाओं को पलीता लगाते हुए नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी नजर आ रहे हैं।

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दरअसल जिला अस्पताल में मरीजों के अटेंडरों को भोजन व्यवस्था की जिम्मेदारी नगर पालिका को मिली है। जिसमें नगर पालिका द्वारा मरीजों की अटेंडरों को भोजन वितरण किया जाता है. लेकिन वितरित किया जाने वाला भोजन घटिया किस्म का होने के कारण मरीज के अटेंडर काशीराम को बगैर सब्जी एवं चावल के ही खाना खा रहे हैं क्योंकि नगर पालिका द्वारा वितरित किए जाने वाले भोजन में कच्ची सब्जी मिल रही है। बुधवार को तो एक अटेंडर के चावल में कीड़ा मिला।

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डेढ़ साल पहले शुरू की गई थी व्यवस्था

बता दें कि डेढ़ साल पहले जिला अस्पताल में मरीजों के अटेंडरों के लिए भोजन व्यवस्था शुरू की गई थी। जिसके लिए ₹10 शुल्क भी रखा गया था। जबकि हाल की बात की जाए तो नगर पालिका द्वारा अन्य स्थान पर भोजन तैयार कर लगभग 10 मरीजों का भोजन ही जिला अस्पताल में ला रही है। जबकि जिला अस्पताल में मरीजों के अटेंडर की संख्या लगभग 100 से भी अधिक रहती है।

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कोरोना काल में खाना कहीं और से बनाकर लाने का सिलसिला हुआ था शुरू
दरअसल कोरोना के बाद से भोजन अन्य स्थान से लाने का सिलसिला शुरू हुआ था। वहीं उसके पहले अटेंडरों को वितरित किए जाने वाला भोजन जिला अस्पताल में ही बनता था। जिससे राजस्व को भी अतिरिक्त लाभ मिलता था। हालांकि इस लापरवाही के मामले की शिकायत मरीज के अटेंडर द्वारा प्रशासन से की गई है।

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