पटना। राजधानी पटना के पीरबहोर इलाके से हरियाणा पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए प्लेटफॉर्म कोचिंग के संचालक संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। संजय सिंह पर 2.40 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और डिजिटल फ्रॉड से जुड़े एक अंतरराज्यीय गिरोह का हिस्सा होने का आरोप है। यह गिरफ्तारी हरियाणा के रोहतक थाने में दर्ज डिजिटल अरेस्ट केस के आधार पर हुई है।

डिजिटल अरेस्ट के जरिए लोगों से ठगी

हरियाणा पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि संजय सिंह उस गिरोह का सदस्य है जो आम लोगों को फर्जी कॉल के जरिए डरा-धमका कर डिजिटल अरेस्ट के नाम पर पैसे वसूलता था। पीड़ितों को यह बताया जाता था कि उनका नाम किसी अपराध में जुड़ गया है और फिर उन्हें झूठे वीडियो कॉल पर अरेस्ट दिखाकर डराया जाता था।

गिरफ्तारी के बाद कबूली मजबूरी

पुलिस पूछताछ में शुरू में संजय सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया। लेकिन जब उसके बैंक खातों की डिटेल्स और ट्रांजेक्शन पुलिस ने सामने रखे तो वह चुप हो गया। कुछ देर बाद उसने स्वीकार किया कि आर्थिक तंगी के चलते वह इस गिरोह से जुड़ गया। उसका काम सिर्फ रुपए मंगवाना था और उसने अपने कोचिंग ट्रस्ट के अकाउंट में रकम मंगवाई।

गैंग का सरगना बिहार का ही रहने वाला

पूछताछ के दौरान संजय सिंह ने गिरोह के मुख्य सरगना का भी नाम उजागर किया है, जो बिहार का ही रहने वाला है। पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है। संजय को कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड पर हरियाणा ले जाया जा रहा है जहां आगे की जांच होगी।

कोचिंग की साख पर सवाल

बताते चलें कि संजय सिंह का प्लेटफॉर्म कोचिंग संस्थान बिहार में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले प्रमुख संस्थानों में गिना जाता है। BSSC, TET, BPSC सहित कई परीक्षाओं के लिए यहां कोचिंग दी जाती थी। संस्था की ओर से किताबें भी प्रकाशित की जाती थीं। अब इस गिरफ्तारी के बाद कोचिंग की साख पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

एक छात्र ने पहले ही चेताया था

पुलिस सूत्रों के अनुसार एक युवक को भी हिरासत में लिया गया था लेकिन पूछताछ में उसकी संलिप्तता नहीं मिली। उसने बताया कि उसने संजय सिंह को पहले ही चेतावनी दी थी कि इस धंधे में मत पड़ो लेकिन संजय ने जवाब दिया था ऐसे भी मरेंगे वैसे भी मरेंगे।