पटना। राज्य सरकार द्वारा अचानक 7,480 विशेष सर्वेक्षण संविदाकर्मियों की सेवा समाप्त किए जाने के विरोध में मंगलवार को राजधानी पटना में बड़ा प्रदर्शन देखने को मिला। हजारों की संख्या में संविदाकर्मी मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने पहुंच गए। हालात को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई।

चार प्रदर्शनकारी हिरासत में

प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। इस दौरान हल्की धक्का-मुक्की भी हुई और दौड़-भाग की स्थिति बन गई। पुलिस ने मौके से 4 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। हालांकि प्रदर्शनकारियों की संख्या लगातार बढ़ती रही और विरोध और भी तेज होता गया।

पटना जू की ओर बढ़े प्रदर्शनकारी

मुख्यमंत्री आवास से हटाए जाने के बाद सभी संविदाकर्मी पटना जू की ओर कूच कर गए। पुलिस भी लगातार उनके पीछे रही और उन्हें वहां से भी हटाने की कोशिश की। पटना जू के गेट के पास बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी धरने पर बैठ गए लेकिन वहां भी पुलिस ने हस्तक्षेप कर उन्हें खदेड़ दिया।

निदेशालय की ओर कूच

पटना जू से हटने के बाद सभी संविदाकर्मी निदेशालय की ओर बढ़ गए और वहीं पर अपने आंदोलन को जारी रखा। प्रदर्शनकारियों ने साफ कर दिया है कि जब तक सेवा बहाल नहीं होती, उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। संविदाकर्मियों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से हजारों परिवारों की आजीविका पर संकट खड़ा हो गया है। वे पिछले कई वर्षों से काम कर रहे थे और अचानक सेवा समाप्त कर देना अन्यायपूर्ण है।

एक महीने से जारी है आंदोलन

संविदाकर्मी पिछले महीने से ही पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर लगातार धरने पर बैठे हुए हैं। इसके पहले भी विधानसभा और बीजेपी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन हो चुका है। 13 सितंबर को भाजपा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन के चलते भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की बैठक तक का स्थान बदलना पड़ा था।

सरकार ने दिया आवेदन का विकल्प

वहीं राज्य सरकार की ओर से भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने कहा है कि संविदाकर्मियों को दोबारा सेवा में शामिल होने का अवसर दिया गया है। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। हालांकि प्रदर्शनकारी इस प्रक्रिया को भ्रमित करने वाला बताकर खारिज कर रहे हैं और सड़कों पर उतरकर अपना विरोध जता रहे हैं।