पटना। आजादी के बाद पहली बार पटना में आज कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक हो रही है। इस अहम बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, सलमान खुर्शीद समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए हैं। बैठक का आयोजन पटना के ऐतिहासिक सदाकत आश्रम में किया गया है और यह शाम 4 बजे तक चलेगी। बैठक की शुरुआत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा झंडोत्तोलन से हुई। इस मौके पर कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह देखने को मिला। कई कार्यकर्ता बिहार के अलग-अलग जिलों से इस ऐतिहासिक बैठक में शामिल होने पटना पहुंचे।

राहुल गांधी और तेजस्वी यादव करेंगे संयुक्त प्रेस वार्ता

बैठक के बाद राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। माना जा रहा है कि इस दौरान सीट बंटवारे, चुनावी रणनीति और महागठबंधन की भूमिका को लेकर अहम घोषणाएं की जा सकती हैं।

गठबंधन की रणनीति पर फोकस

इस बैठक का फोकस 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की रणनीति तय करना है। सूत्रों के अनुसार महागठबंधन के नेताओं के साथ बैठक में सीट शेयरिंग, सीएम फेस और संयुक्त प्रचार अभियान जैसे मुद्दों पर चर्चा की जा रही है।

टिकट को लेकर की नारेबाजी

इस बैठक के दौरान कांग्रेस कार्यालय के बाहर एंट्री को लेकर पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच हल्की झड़प भी हुई। वहीं गया के टिकारी से आए कुछ कार्यकर्ताओं ने टिकट वितरण को लेकर नाराजगी जताते हुए नारेबाजी की।

सीएम फेस पर कांग्रेस का रुख साफ नहीं

पत्रकारों द्वारा बिहार में कांग्रेस के मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर सवाल पूछे जाने पर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा जीतकर आने के बाद जो फैसला होगा वो बताया जाएगा। इससे संकेत मिलता है कि पार्टी अभी सीएम फेस को लेकर कोई घोषणा करने के मूड में नहीं है।

तेलंगाना मॉडल से कांग्रेस को उम्मीद

गौरतलब है कि तेलंगाना चुनाव 2023 से पहले भी कांग्रेस ने हैदराबाद में CWC बैठक की थी, जिसके बाद वहां कांग्रेस को सत्ता मिली। अब पार्टी उसी रणनीति को बिहार में भी दोहराना चाहती है और इस बैठक को सत्ता परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा कदम मान रही है।

विवादित बयान देने वाले रेड्डी भी मौजूद

तेलंगाना के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी भी इस बैठक में पहुंचे हैं। रेवंत रेड्डी का नाम उस विवाद से भी जुड़ा है जिसमें उन्होंने बिहार के DNA पर सवाल उठाया था। दिसंबर 2023 में उन्होंने कहा था कि तेलंगाना का DNA बिहार से बेहतर है जिसे बिहार के लोगों ने अपमानजनक माना था। इस बयान के बावजूद पार्टी ने उन्हें इस बैठक में शामिल किया है।

कांग्रेस की कोशिश

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस इस बैठक के जरिए खुद को राजनीतिक केंद्र में लाने, महागठबंधन में प्रभाव बढ़ाने और कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय करने की कोशिश कर रही है। लंबे समय से हाशिए पर चल रही पार्टी अब एक बार फिर से मैदान में उतरने को तैयार है।