पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक रीतलाल यादव को सत्यनारायण सिन्हा हत्याकांड में पटना हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा उन्हें बरी किए जाने के आदेश को रद्द कर दिया है और मामले की पुनः सुनवाई का निर्देश दिया है। यह फैसला जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने दिया है। अदालत ने कहा कि निचली अदालत ने जिस आधार पर रीतलाल यादव को बरी किया था उसे पुनः समीक्षा की जरूरत है। अब इस चर्चित हत्या मामले की फिर से सुनवाई होगी जिससे रीतलाल यादव की कानूनी मुश्किलें बढ़ गई हैं।

2023 में बरी हुए थे रीतलाल यादव

साल 2023 में पटना सिविल कोर्ट के एमपी/एमएलए विशेष कोर्ट ने सबूतों के अभाव में रीतलाल यादव को बरी कर दिया था, लेकिन यह फैसला सत्यनारायण सिन्हा की पत्नी और पूर्व भाजपा विधायक आशा सिन्हा को मंजूर नहीं हुआ। उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर न्यायिक पुनर्विचार की मांग की थी।

2003 में हुई थी सत्यनारायण सिन्हा की हत्या

यह मामला 30 अप्रैल 2003 का है जब पटना के गांधी मैदान में तेल पिलावन लाठी घुमावन रैली का आयोजन चल रहा था। उसी दिन खगौल के जमालुद्दीन चक में भाजपा नेता सत्यनारायण सिन्हा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में रीतलाल यादव समेत कई अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था।

रीतलाल यादव की बढ़ी परेशानी

हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद रीतलाल यादव को दोबारा अदालत का सामना करना पड़ेगा। अब केस दोबारा निचली अदालत में चलेगा और सबूतों की दोबारा जांच की जाएगी। यह फैसला राजनीतिक रूप से भी अहम माना जा रहा है क्योंकि रीतलाल यादव राजनीति में सक्रिय और प्रभावशाली नेता माने जाते हैं।