पटना। हाईकोर्ट ने डीसीएलआर की लंबित नियुक्तियों पर सख्त रुख अपनाते हुए बिहार सरकार से दो सप्ताह के भीतर स्पष्ट जवाब मांगा है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव ने अदालत को बताया कि 19 जून 2025 को हाईकोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया था डीसीएलआर पद पर नियुक्ति की जाए और बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को नवसृजित पदों पर समायोजित किया जाए। तीन महीने की तय समयसीमा बीत जाने के बाद भी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी। लंबे इंतजार में फंसे उम्मीदवारों ने कोर्ट को बताया कि इससे न केवल उनके करियर पर असर पड़ रहा है बल्कि उनके परिवारों पर भी मानसिक और आर्थिक दबाव बढ़ रहा है।

अदालत की सख्ती

राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने बताया कि आदेश प्राप्त हो चुके हैं और जल्द ही शपथ-पत्र दाखिल किया जाएगा। अदालत ने इसे स्वीकार तो किया, लेकिन साफ चेतावनी भी दे दी अब केवल आश्वासन नहीं, वास्तविक अनुपालन दिखाना अनिवार्य है।हाईकोर्ट ने कहा कि यदि पूर्व आदेश का पालन नहीं हुआ तो उचित कार्रवाई से परहेज नहीं किया जाएगा।

12 दिसंबर को अगली सुनवाई

अगली तारीख 12 दिसंबर तय की गई है। उम्मीदवारों को उम्मीद है कि इस बार स्पष्ट जवाब और तेज कार्रवाई देखने को मिलेगी। डीसीएलआर पदों पर नियुक्ति का लंबा इंतजार कब खत्म होगा अब सबकी नजर इसी अगली सुनवाई पर टिकी है।