कुंदन कुमार, पटना. पटना हाईकोर्ट ने 70वीं बीपीएससी सिविल प्रारंभिक परीक्षा की पुनः मांग करने वाले उम्मीदवारों को बड़ा झटका दिया है. हाईकोर्ट ने आज शुक्रवार (28 मार्च) को 70वीं बीपीएससी सिविल प्रारंभिक परीक्षा पुनः कराये जाने संबंधी याचिकायों को ख़ारिज करते हुए राज्य सरकार और बीपीएससी को बड़ी राहत दी है.

पप्पू कुमार व अन्य की याचिकाओं पर एक्टिंग चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने इस संंबंध में दायर जनहित याचिका सहित सभी याचिकायों पर सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रखा था, जिस पर कोर्ट ने ये फैसला दिया है.

सुप्रीम कोर्ट जाएंगे गुरु रहमान

कोर्ट का यह फैसला उन सभी अभ्यर्थियों के लिए बड़ा झटका है, जो परीक्षा को दोबारा कराने की मांग को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे थे. इस फैसले के साथ ही राज्य सरकार और बिहार लोक सेवा आयोग को एक बड़ी राहत मिली है.

उधर कोर्ट की ओर से मुख्य परीक्षा आयोजित करने का भी आदेश दे दिया गया है. आयोग की ओर से मेंस एग्जाम की तारीख 25 से 30 अप्रैल तय की गई है. पटना हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद कई अभ्यर्थियों में मायूसी छा गई है. वहीं, प्रदर्शन में शामिल रहे कई कोचिंग संचालक भी इस फैसले से हताश नजर आए. हालांकि शिक्षक गुरु रहमान ने कहा है कि, हाईकोर्ट में भले ही उनकी हार हुई है. लेकिन उनके पास पर्याप्त सबूत हैं और अब यह लड़ाई देश के सर्वोच्च न्यायालय में होगी.

बड़े स्तर पर हुआ था आंदोलन

बता दें कि 13 दिसंबर 2024 को आयोजित 70वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई) को रद्द कराने की मांग को लेकर पटना में बड़े स्तर पर आंदोलन हुआ. यहां तक कि पटना पुलिस ने आंदोलनरत अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज भी किया, जिसमें कई छात्रों को चोट भी आई. वहीं, धरना प्रदर्शन में शामिल कोचिंग संचालकों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया था.

वहीं, सियासी तौर पर भी 70वीं बीपीएससी परीक्षा रद्द करने को लेकर कई नेताओं ने धरना प्रदर्शन में साथ दिया. इसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राजद के तेजस्वी यदव, जनसुराज के प्रशांत किशोर आदि ने गर्दनीबाग पहुंचकर आदोलन को अपना समर्थन दिया था.

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