पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन का एक बड़ा मामला सामने आया है। पटना नगर निगम ने अपने तीन कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से नौकरी से हटा दिया है। इन कर्मचारियों पर एक राजनीतिक दल के प्रत्याशी के साथ प्रचार करने का आरोप साबित हुआ है।

राजनीतिक प्रचार में शामिल पाए गए

नगर निगम से हटाए गए तीनों कर्मचारी सुधीर कुमार (मानदेय कर संग्राहक और अतिक्रमण प्रभारी), प्रवीण कुमार (मानदेय कर संग्राहक व सहायक प्रभारी) और राजीव रंजन सिंह बांकीपुर अंचल में कार्यरत थे। आचार संहिता लागू होने के बावजूद ये तीनों एक पार्टी के उम्मीदवार के साथ चुनावी प्रचार में शामिल हुए थे। उनकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला गंभीर हो गया।

नगर आयुक्त ने मांगा था जवाब

पटना नगर निगम के नगर आयुक्त यशपाल मीणा ने घटना की जांच करते हुए तीनों कर्मचारियों को 26 अक्टूबर को नोटिस जारी किया था। उन्हें 48 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा गया था। लेकिन तीनों का जवाब असंतोषजनक पाया गया। इसके बाद नगर आयुक्त ने मानदेय नियोजन समाप्त करते हुए तत्काल प्रभाव से सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया।

आचार संहिता उल्लंघन पर सख्त संदेश

आयुक्त यशपाल मीणा ने अपने आदेश में लिखा कि बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 के अवसर पर 6 अक्टूबर से पूरे राज्य में आचार संहिता लागू है। ऐसे में सरकारी सेवक का किसी राजनीतिक दल के प्रचार में शामिल होना न केवल आचार संहिता का उल्लंघन है बल्कि सरकारी पद की गरिमा के भी खिलाफ है।

कर्मचारियों के लिए सख्त चेतावनी

इस कार्रवाई के बाद पटना नगर निगम ने स्पष्ट किया कि चुनाव अवधि के दौरान सरकारी कर्मचारियों द्वारा किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधि में शामिल होना दंडनीय अपराध है। यह कदम अन्य कर्मियों के लिए एक कड़ा संदेश है कि आचार संहिता की अवहेलना बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

निष्पक्ष चुनाव हमारी प्राथमिकता

नगर निगम प्रशासन ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है। चुनाव आयोग की हिदायत के बाद, जिले के अन्य सरकारी विभागों को भी अपने कर्मियों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है।