पटना। शहरों में प्लास्टिक की बोतलों का बढ़ता कचरा कई तरह की समस्या पैदा कर रहा है। प्लास्टिक की बोतलें न केवल गंदगी फैला रही है बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा रही है इसे लेकर नगर निगम ने अब एक नया उपाय अपनाया है, जिसके तहत शहर के विभिन्न स्थानों पर “रिवर्स वेंडिंग मशीन” लगाई जाएंगी। इस मशीन के माध्यम से लोग अपनी प्लास्टिक की बोतलें आसानी से डाल सकते हैं और इसके बदले उन्हें ईनाम मिलेगा।

नई व्यवस्था का उद्देश्य

इस पहल का उद्देश्य लोगों को प्लास्टिक कचरा फेंकने से रोकना और शहर में कचरा संग्रहण को बढ़ावा देना है। नगर निगम ने शहर के 10 प्रमुख स्थानों पर रिवर्स वेंडिंग मशीन लगाने की योजना बनाई है। इन मशीनों में लोग एक तरफ से अपनी प्लास्टिक बोतलें डालेंगे, और दूसरी तरफ उन्हें ग्रीन पॉइंट्स या कूपन मिलेंगे, जिनका इस्तेमाल वे विभिन्न लाभों के लिए कर सकते हैं। यह कदम लोगों को प्लास्टिक कचरे के प्रति जागरूक करने और शहर को साफ रखने में मदद करेगा।

मशीन की खासियत

यह रिवर्स वेंडिंग मशीन एक स्मार्ट तकनीकी सिस्टम से लैस होगी, जो प्लास्टिक बोतलों को छोटे आकार में कंप्रेस कर देगी। बोतल डालने के बाद व्यक्ति को अपना मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा, जिसके बाद मशीन ग्रीन पॉइंट्स की गणना करेगी। हर बोतल के बदले एक ग्रीन पॉइंट मिलेगा, और पांच पॉइंट्स पर एक कूपन मिलेगा, जिसे रिडीम किया जा सकेगा।

कहां लगेगी मशीन?

नगर निगम ने फिलहाल 4 स्थानों का चयन किया है, जहां यह मशीनें लगाई जाएंगी, और बाकी 6 स्थानों का चयन प्रक्रिया में है। इन मशीनों को पटना के प्रमुख स्थानों जैसे जेपी गंगा पथ, बोरिंग रोड चौराहा, चिड़ियाघर गेट संख्या-1, और मौर्यालोक परिसर में स्थापित किया जाएगा। इसके बाद इसे शहर के अन्य प्रमुख स्थानों पर भी लगाने की योजना है।

मशीन की कार्यप्रणाली और लागत

यह मशीन केवल खाली प्लास्टिक बोतलें स्वीकार करती है और उन्हें कंप्रेस करके छोटे आकार में बदल देती है। मशीन की निगरानी इंटरनेट और वाई-फाई से की जाती है। इसका वजन लगभग 400 किलोग्राम है और यह प्रति घंटे 90 से 120 बोतलें कंप्रेस कर सकती है। इसकी कीमत लगभग 5 लाख रुपये है।

आशा और संभावनाएं

नगर निगम का मानना है कि इस योजना से न केवल शहर में प्लास्टिक कचरे की समस्या कम होगी, बल्कि लोगों को इस तरह के कार्यों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा। यह पहल शहर के साफ-सफाई में एक नई दिशा देने वाली साबित हो सकती है। फिलहाल यह योजना शुरुआती दौर में है और नगर निगम इसके संचालन पर विचार कर रहा है।

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