लड़की हूं! रोटी बनानी ही नहीं, कमाने की भी हिम्मत है… इसी डायलॉग के साथ 1 दिसंबर 2023 को बिहार (Bihar) के पूर्वी चंपारण (East Champaran) जिले के मधुबन थाना क्षेत्र के नौरंगिया डीह गांव की रहने वाली ईशा जायसवाल (Isha Jaiswal) की instagram पर रील (reels) बनाने की शुरुआत होती है। 4 भाई-बहनों में सबसे बड़ी ईशा इंस्टाग्राम पर रील बनाने की शौकीन थी। रोटी कमाने की फिक्र में ही करीब सालभर पहले ईसा साइबर क्राइम के बेताज बादशाह नेस्ताक आलम (Nestak Alam) (24) के संपर्क में आई। इसके बाद पैसे कमाने की लालच में ईशा जायसवाल जुर्म के दलदल में धंसती चली गई या यूं कहे की वह काली दुनियां की रानी बन गई। अब कटिहार और पटना पुलिस (Patna Police) ने दोनों को पटना से अरेस्ट किया है। साथ ही इनके साइबर ठगी गैंग के पाकिस्तानी ठगों से कनेक्शन का खुलासा हुआ है।
पुलिस के मिली जानकारी के मुताबिक नेस्ताक आलम 4 साल से साइबर ठगी की दुनिया में एक्टिव था। उसने पहले ईशा को गर्लफ्रेंड बनाया, फिर अपने काले कारनामों का राजदार भी बना लिया। उसे ईशा को साथ लाने में कई फायदे दिख रहे थे। ईशा भी पैसों की लालच में नेस्ताक का साथ देने को तैयार हो गई।
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पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ईशा और नेस्ताक करीब साल भर से साथ रह रहे थे। नेस्ताक ने ईशा को ATM फ्रॉड में उस्ताद बना दिया था। लड़की होने की वजह से कोई उस पर शक नहीं करता था। ईशा अक्सर ATM के पास लाइन में खड़ी हो जाती थी। फिर किसी कस्टमर का कार्ड फंसने पर उसकी हेल्प के लिए आगे आती। इसी बीच काफी सफाई से वह मदद करने के बहाने कस्टमर का कार्ड बदल देती और फिर बाद में कार्ड से रुपए निकाल लेती। ईशा जरूरत पड़ने पर कॉलिंग का भी काम करती थी। कॉल कर लोगों को तरह-तरह के झांसे देकर उनसे रुपए ठगती थी।
नौरंगिया से निकल दिल्ली, फिर साइबर अपराध की दुनिया में ईशा की हुई एंट्री
ईशा जायसवाल का घर पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) के मधुबन थाना क्षेत्र के नौरंगिया गांव में है। ईशा गुड्डू चौधरी की सबसे बड़ी बेटी है। 2 भाई और 2 बहनों में सबसे बड़ी। गांव के लोगों से मिली जानकारी के अनुसार ईशा के पिता दिल्ली में काम करते हैं। ईशा भी उनके साथ दिल्ली में रहती थी। वहीं, बी-कॉम तक की पढ़ाई की। गांव में आना-जाना कम ही था।
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साल 2020 में उसकी शादी नेपाल में हुई। बाद में किसी बात को लेकर विवाद हुआ और वह ससुराल को छोड़ दिया। डेढ़ साल का एक बेटा भी है। अब वह अपनी नानी के साथ नौरंगिया में ही रहती थी।बेटे को छोड़कर ईशा पिछले करीब डेढ़ साल से घर से बाहर रह रही है। गांव कब आती-जाती है, किसी को नहीं पता। इस बीच वह रील्स बनाते-बनाते कभी दिल्ली के इंडिया गेट, कभी किसी ट्रेन तो कभी किसी ऑफिस में दिख जाती है।
छठी क्लास फेल है नेस्ताक आलम
पश्चिम चंपारण के मंझौलिया थाना क्षेत्र के जौकटिया, लाल सरैया और रामनगर बनकट पंचायतों की आबादी करीब 80 हजार है। खास बात यह है कि इन पंचायतों के अधिकतर युवा साइबर क्राइम से जुड़े हैं। स ED, IT और NIA जैसी केंद्रीय एजेंसियों ने यहां कई बार रेड की है।इनमें सबसे ज्यादा साइबर ठग जौकटिया से पकड़े गए हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार अब तक जौकटिया गांव के करीब 50 युवा गिरफ्तार हो चुके हैं। पुलिस की माने तो इस गांव के 700 से 1000 युवा साइबर अपराध से जुड़े हुए हैं। 24 साल का नेस्ताक आलम (Nestak Alam) जौकटिया पुराना टोला का ही रहने वाला है। छठी क्लास फेल नेस्ताक आलम चार साल पहले तक बेतिया शहर में इलेक्ट्रिशियन का काम करता था। इस बीच वह अपने गांव के उन युवकों की संगत में आया, जो पहले से साइबर अपराध से जुड़े हुए थे।
100 बैंक अकाउंट के डिटेल मिले
कटिहार के पुलिस उपाधीक्षक सह साइबर थानाध्यक्ष सद्दाम हुसैन ने बताया है कि पटना के कदमकुआं से गिरफ्तार नेस्ताक और ईशा 20 पाकिस्तानी ठगों के संपर्क में थे। जिन्होंने इनसे 100 से अधिक बैंकों की अकाउंट डिटेल अपने वॉट्सऐप पर ली थी। स्टेट बैंक के अकाउंट पर 15 हजार और अन्य बैंकों के खातों पर 10 हजार रुपए प्रति खाता पाकिस्तान के ठगों ने इन दोनों को दिया था। पुलिस ने इनके पास से 16 एटीएम कार्ड, 6 मोबाइल, 6 सिम भी बरामद की है। पुलिस के अनुसार दोनों के तार जामताड़ा, नवादा, भोपाल और मुंबई के शातिरों से भी जुड़े हैं।
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