पटना: राजधानी में लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं के बाद पुलिस महकमे में बड़ी कार्रवाई की गई है। बीते 18 दिनों में शहर में 14 हत्या की घटनाओं के बाद प्रशासन हरकत में आया है। अब तक कुल 13 पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है, जिसमें 7 डीएसपी और 6 थानेदार शामिल हैं।
लापरवाही के आरोप में हटाया
ताजा जानकारी के अनुसार, पटना के सुल्तानगंज, चौक, पीरबहोर, कंकड़बाग और बेऊर थानों के थानेदारों को लाइन हाजिर कर दिया गया है। इनमें पीरबहोर थानेदार अब्दुल हलीम, कंकड़बाग के मुकेश कुमार, सुल्तानगंज के मनोज कुमार, चौक के दुष्यंत कुमार और बेऊर के अमरेंद्र कुमार शामिल हैं। इन सभी को लापरवाही के आरोप में हटाया गया है।
22 डीएसपी में से 7 को हटा दिया
इससे पहले, 18 जुलाई को पटना के 22 डीएसपी में से 7 को हटा दिया गया था। यह कदम खेमका मर्डर केस और पारस अस्पताल में गैंगस्टर चंदन मिश्रा की हत्या के बाद उठाया गया। हटाए गए डीएसपी में पटना लॉ एंड ऑर्डर के डीएसपी-2 प्रकाश कुमार भी शामिल हैं, जिनके क्षेत्र में खेमका की हत्या हुई थी। इनमें से 6 अधिकारियों को “वेटिंग फॉर पोस्टिंग” में रखा गया है।
सस्पेंड कर दिया गया था।
इसके अतिरिक्त, 16 जुलाई को गांधी मैदान थाने के प्रभारी राजेश कुमार को भी सस्पेंड कर दिया गया था। उन पर आरोप था कि गोपाल खेमका की हत्या के दिन घटना के दो घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची थी। एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने समीक्षा बैठक में इस लापरवाही को गंभीरता से लिया और तत्काल कार्रवाई की।
पटना में नई पोस्टिंग दी
अब 11 थानेदारों को अन्य जिलों से बुलाकर पटना में नई पोस्टिंग दी जा सकती है। सूत्रों के अनुसार, कुछ और थानेदारों को भी जल्द लाइन हाजिर किया जा सकता है।
गंभीर सवाल खड़े किए थे
4 जुलाई को कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या और 14 जुलाई को गैंगस्टर चंदन मिश्रा की अस्पताल में हुई गोलीबारी की घटनाओं ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए थे। इन वारदातों के बाद लगातार विपक्ष और जनता द्वारा पुलिस प्रशासन की आलोचना की जा रही थी। अब पुलिस महकमा इन घटनाओं के बाद अपनी छवि सुधारने के प्रयास में जुटा है।
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