पटना । राजधानी में स्टेट टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (STET) की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने जोरदार प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस को दो बार लाठीचार्ज करना पड़ा। ये प्रदर्शन तब हुआ जब कैंडिडेट्स ने मुख्यमंत्री हाउस का घेराव करने का प्रयास किया। प्रदर्शनकारी डाकबंगला चौराहा होते हुए सीएम हाउस की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें जेपी गोलंबर पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया। करीब एक घंटे तक यहां प्रदर्शन करने के बाद अभ्यर्थियों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी, जिसके बाद पुलिस ने फिर से लाठीचार्ज किया। इस दौरान कई अभ्यर्थियों को चोटें आईं। लाठीचार्ज के बाद भी प्रदर्शनकारी शांत नहीं हुए और डाकबंगला चौराहे पर फिर से इकट्ठा हो गए। पुलिस ने यहां भी बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की। स्थिति तनावपूर्ण हो गई, और पुलिस को वाटर कैनन की गाड़ी बुलानी पड़ी। फिर से कैंडिडेट्स और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई, जिसके बाद पुलिस ने दूसरी बार लाठीचार्ज किया।

पांच हजार से ज्यादा अभ्यर्थी

इस प्रदर्शन में करीब 5000 से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल थे। प्रदर्शनकारियों का मुख्य आरोप है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 4 अगस्त को किए गए बयान ने उनके भविष्य पर पानी फेर दिया है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि TRE-4 परीक्षा 2025 में और TRE-5 परीक्षा 2026 में होगी, और STET परीक्षा TRE-5 से पहले आयोजित की जाएगी। इस फैसले के बाद से हजारों कैंडिडेट्स को गहरा झटका लगा है, क्योंकि अब STET परीक्षा 2026 तक नहीं हो पाएगी, जबकि पहले इसे TRE-4 से पहले आयोजित किए जाने की उम्मीद थी।

क्यों भड़के अभ्यर्थी?

अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर STET परीक्षा TRE-4 से पहले नहीं होती है, तो सत्र 2022-2024 और 2023-2025 के B.Ed और BTC प्रशिक्षु छात्रों को इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा। इन छात्रों का मानना है कि STET के बिना वे TRE-4 में आवेदन करने के अयोग्य माने जाएंगे, जिससे उनका शिक्षक बनने का सपना टूट जाएगा।

एक अभ्यर्थी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “STET हर हाल में TRE-4 से पहले होना चाहिए। जब बोर्ड ने साल में दो बार परीक्षा कराने की बात की थी, तो अब इतना लंबा गैप क्यों दिया जा रहा है।” एक और छात्र ने कहा, “हमारी पूरी तैयारी इस उम्मीद पर थी कि STET होगा और हम TRE-4 के लिए आवेदन कर पाएंगे, लेकिन सरकार ने अचानक दिशा बदल दी।

मुख्य सचिव से मुलाकात

प्रदर्शन के दौरान, मुख्य सचिव ने 5 कैंडिडेट्स को मिलने के लिए बुलाया था। इससे पहले कुछ अधिकारियों ने भी प्रदर्शनकारियों से बातचीत की थी, लेकिन इस मसले पर कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया।
यह प्रदर्शन राज्यभर के अभ्यर्थियों के बीच भारी चर्चा का विषय बन गया है और कैंडिडेट्स लगातार अपनी आवाज़ उठा रहे हैं कि STET परीक्षा जल्द से जल्द आयोजित की जाए।

क्या है आगे की रणनीति?

अभ्यर्थियों ने साफ कर दिया है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं की जाती, तो वे अपने संघर्ष को और तेज करेंगे और कई अन्य जिलों में भी विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस बीच, मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग के अधिकारी इस मुद्दे पर विचार करने का दावा कर रहे हैं, लेकिन प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि उनकी आवाज़ जल्द सुनी जाए।