पटना। विभिन्न समस्याओं को लेकर पटना यूनिवर्सिटी (Patna University Students Protest) की छात्राओं ने मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर छात्र एकत्र हुए और गेट को बंद कर दिया। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कुलपति (VC) से मिलने नहीं दिया गया। छात्रों का आरोप था कि कुलपति मनमानी कर रहे हैं और छात्रों के हित में कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने सड़क को भी जाम कर दिया, जिससे आने-जाने वाली गाड़ियों को रोका गया। वीसी मुर्दाबाद जैसे नारों के साथ उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन की नीतियों के खिलाफ नाराजगी जाहिर की।

छात्रों में असमंजस की स्थिति बन गई

छात्रों की मुख्य मांगों में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के प्रथम सेमेस्टर के परिणामों की जल्द घोषणा शामिल है। छात्रों का कहना है कि परीक्षा दिए हुए छह महीने हो गए हैं, लेकिन अभी तक रिजल्ट नहीं आया है। इसके विपरीत, द्वितीय सेमेस्टर का फॉर्म भरवाया जा रहा है, जिससे छात्रों में असमंजस की स्थिति बन गई है। एक अन्य अहम मुद्दा परीक्षा शुल्क में की गई मनमानी वृद्धि है। छात्रों का कहना है कि पहले परीक्षा शुल्क 500 रुपये हुआ करता था, जिसे बढ़ाकर अब 900 रुपये कर दिया गया है, जो अत्यधिक और अनुचित है।

ग्रेस मार्क्स दिए जाएं

इसके अलावा छात्रों ने मांग की कि जो विद्यार्थी परीक्षा में असफल हुए हैं, उन्हें ग्रेस मार्क्स दिए जाएं ताकि वे अगली प्रक्रिया में शामिल हो सकें। सेंट्रल लाइब्रेरी की खराब स्थिति, किताबों की कमी, बैठने की सुविधाओं की कमी और चेयर न होने जैसी समस्याएं भी छात्रों ने उठाई हैं। छात्रों ने यह भी मांग की कि पीजी नामांकन फॉर्म में हो रही तकनीकी त्रुटियों को शीघ्र ठीक किया जाए और PAT (PhD Admission Test) की परीक्षा जल्द करवाई जाए। पटना महाविद्यालय के भूगोल विभाग की जर्जर हालत को भी लेकर छात्र आक्रोशित थे। उन्होंने विभाग की स्थिति को जल्द सुधारने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान DSW (डीन स्टूडेंट वेलफेयर) अनिल कुमार ने छात्रों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।