कर्ण मिश्र, ग्वालियर: मध्य प्रदेश के बहुचर्चित पटवारी भर्ती परीक्षा घोटाला मामले में जांच पूरी हो गई है। GAD के पास जांच रिपोर्ट पहुंच गई है। लेकिन इस जांच रिपोर्ट पर कांग्रेस विधायक डॉ सतीश सिकरवार ने सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि सरकार इस मामले पर अभी कोई काम नहीं कर रही है। सरकार को इस मामले पर कड़ी कार्रवाई करना चाहिए। यदि सरकारी इस मामले में कार्रवाई नहीं करती है तो हम अब विधानसभा में इस मुद्दे को उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा घोटाला है। इसमें पात्र लोगों को अपात्र करके भर्ती किया गया। जो लोग सालों से मेहनत कर रहे थे उनके साथ अन्याय हुआ है। पटवारी परीक्षा भ्रष्टाचार की बलि चढ़ गई है। यदि जांच के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई तो इस मुद्दे को सदन से लेकर सड़क तक उठाया जाएगा। वही कांग्रेस विधायक के इस आरोप पर राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा का कहना है कि CM खुद इस मामले पर मॉनिटरिंग कर रहे हैं। जल्द कार्रवाई होगी।
क्या है पटवारी भर्ती परीक्षा घोटाला?
मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल के द्वारा नवंबर 2022 में ग्रुप डी के 9200 पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था। पटवारी भर्ती परीक्षा 15 मार्च से 26 अप्रैल के बीच 78 सेंटर में संपूर्ण की गई थी। इसमें लगभग 12 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने आवेदन किए थे लेकिन परीक्षा में लगभग 9 लाख विद्यार्थी शामिल हुए थे।
एक ही कॉलेज से 10 में से 7 स्टूडेंट टॉप 10 में आए
पटवारी भर्ती परीक्षा रिजल्ट जैसे ही 30 जून को जारी हुआ और 8617 सेलेक्ट हुए उम्मीदवारों की मेरिट लिस्ट जारी हुई बाकी पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया रोकी गई थी। इस दौरान ग्वालियर के NRI कॉलेज जिसे पटवारी भर्ती परीक्षा में परीक्षा केंद्र बनाया गया था। इस NRI कॉलेज से 10 में से 7 स्टूडेंट टॉप 10 में आए। तभी से इस पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली के आरोप लगने लगे और पटवारी भर्ती परीक्षा रोकी गई। साथ ही जांच के निर्देश दिए गए।
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