Paush Bada Festival : सनातन धर्म में पौष माह का काफी महत्व बताया गया है. पौष माह को विशेष रूप से भगवान सूर्य को समर्पित बताया गया है. मान्यता है कि पौष महीने में भगवान सूर्य की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. हिन्दी कैलंडर के अनुसार पौष मास 10वां महीना माना जाता है, 27 दिसंबर से पौष माह आरंभ हो चुका है. ऐसे में राजस्थान के हर शहर में पूरे माह में एक दिन पौष बड़ा महोत्सव का आयोजन किया जाता है.
यह एक ऐसा उत्सव है, जो हिंदू पंचांग के पौष महीने में राजस्थान के विभिन्न शहरों और गांवों में बड़े उत्सव के साथ मनाया जाता है. जयपुर और सीकर में पौष बड़ा महोत्सव का आयोजन रियासतकाल से होता आ रहा है. अब तो यह राजस्थान के लगभग हर गांव और शहर में आयोजित होने लगा है. बड़ा महोत्सव को मनाने के लिए पौष मास के किसी भी दिन का चयन अपनी इच्छा अनुसार करके अपने आराध्य देव को दाल के पकोड़े और गर्म हलवे का प्रसाद चढ़ाया जाता है.
पौष बड़ा की सामग्री का ग्रहों से संबंध
धार्मिक मान्यता के अनुसार, पौष मास दान करने के लिए बहुत अच्छा माना जाता है. पंडित घनश्याम शर्मा ने बताया कि पौष बड़ा में इस्तेमाल होने वाली सामग्री का ग्रहों से संबंध माना जाता है, जैसे तेल का शनि ग्रह, मिर्च का मंगल ग्रह, जीरा और धनिया का बुध ग्रह, गेहूं का चंद्रमा और पृथ्वी तथा शुक्र ग्रह का शक्कर से संबंध है. इसलिए लोग दान पुण्य करने के लिए और ग्रह दोष को दूर करने के लिए अपने आराध्य देव को पौष बड़ा का भोग लगाया जाता है. इसी पौष बड़ा को लोगों को वितरण भी किया जाता है. यही कारण कि लोग अपने ग्रहों की स्थिति ठीक करने और दान पुण्य करने के लिए पौषबड़ा महोत्सव का आयोजन करते हैं.
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