पटना। पटना उच्च न्यायालय के 46वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति पवन कुमार भीमप्पा बाजंत्री ने शनिवार को राजभवन में शपथ ली। बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी कई मंत्री, न्यायाधीश और वरिष्ठ अधिवक्ता मौजूद रहे।

राष्ट्रपति ने की थी नियुक्ति

शनिवार सुबह ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायमूर्ति बाजंत्री की पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पद पर नियुक्ति को मंजूरी दी थी। इसके बाद यह शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया।

कर्नाटक से लेकर पटना हाईकोर्ट तक का सफर

न्यायमूर्ति बाजंत्री का जन्म 23 अक्टूबर 1963 को हुआ था। उन्होंने कर्नाटक में प्रारंभिक शिक्षा लेने के बाद बेंगलुरु के एसजेआर लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री हासिल की। 1990 में कर्नाटक हाईकोर्ट की बार काउंसिल में बतौर अधिवक्ता नामांकन हुआ। वर्ष 2015 में उन्हें कर्नाटक उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश बनाया गया। इसके बाद उनका तबादला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में हुआ और 2018 में वे दोबारा कर्नाटक हाईकोर्ट लौटे। 20 अक्टूबर 2021 को उन्होंने पटना हाईकोर्ट में न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला और कई महत्वपूर्ण फैसले दिए।

बिहार में शराबबंदी पर अहम टिप्पणियां

पटना हाईकोर्ट में कार्यकाल के दौरान न्यायमूर्ति बाजंत्री ने बिहार में शराबबंदी कानून के दुरुपयोग को लेकर कई बार स्पष्ट और निर्णायक टिप्पणियां की थीं। इसके अलावा पारिवारिक कानून, विवाह और तलाक जैसे मामलों में भी उन्होंने ठोस न्यायिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।

अब पूर्णकालिक मुख्य न्यायाधीश की जिम्मेदारी

27 अगस्त 2025 को उन्हें कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। अब मंत्रालय की अधिसूचना और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद वे पूर्णकालिक मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं।

जस्टिस विपुल पंचोली बने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश

इस बीच पटना हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विपुल एम पंचोली को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। उन्हें भविष्य में देश का मुख्य न्यायाधीश (CJI) बनाए जाने की संभावना भी जताई जा रही है।