आरा। भोजपुर की राजनीति में सोमवार को बड़ा मोड़ देखने को मिला, जब भोजपुरी सिनेमा के पावर स्टार पवन सिंह ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरा से सांसद रहे आर.के. सिंह से मुलाकात की। यह मुलाकात सिर्फ एक तस्वीर और एक लाइन “एक नई सोच के साथ, एक नई मुलाकात”से सामने आई, लेकिन शाहाबाद की सियासत में हलचल मचा दी।
बिहार की सियासत को गर्मा दिया था
दरअसल, कुछ दिनों पहले ही पवन सिंह की पत्नी के राजनीति में उतरने की चर्चा ने बिहार की सियासत को गर्मा दिया था। अब पवन सिंह की आर.के. सिंह से मुलाकात ने उन कयासों को और हवा दे दी है कि क्या पावर स्टार अब परिवार के साथ मिलकर राजनीति की बिसात बिछाने की तैयारी में हैं।
लोकसभा चुनाव ने बदल दी थी तस्वीर
2024 के लोकसभा चुनाव में पवन सिंह ने काराकाट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। भले ही वह जीत दर्ज नहीं कर पाए, लेकिन उनका असर इतना गहरा रहा कि पूरे शाहाबाद में एनडीए को एक भी सीट नहीं मिल पाई। आरा, काराकाट, बक्सर और सासाराम चारों जगह भाजपा उम्मीदवार शिकस्त खा गए। पवन सिंह ने अपने दम पर उपेंद्र कुशवाहा और सीपीआई(एमएल) के कद्दावर नेता राजाराम सिंह को कड़ी टक्कर दी थी। यही वजह है कि राजनीतिक पंडित मानने लगे हैं कि पवन सिंह अब सिर्फ मंच और फिल्मों के स्टार नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर भी उनकी पकड़ मजबूत हो चुकी है।
आर.के. सिंह से पुरानी अदावत, अब नई मुलाकात
लोकसभा चुनाव के समय जब पवन सिंह ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, तो सबसे पहले आर.के. सिंह ही उनके खिलाफ खड़े हो गए थे। उन्होंने पार्टी से पवन को बाहर निकालने की सिफारिश की थी। यही वजह थी कि उस वक्त भाजपा और राजपूत समाज के बीच दरार पैदा हो गई थी। राजपूत समाज ने इसे अपनी अस्मिता से जोड़ा और नाराजगी का असर चुनावी नतीजों में साफ झलक गया। अब वही पवन सिंह और आर.के. सिंह अगर साथ आते हैं, तो राजनीति में नया समीकरण तैयार होना तय है। भाजपा के भीतर भी इस मुलाकात के बाद हलचल तेज हो गई है।
बड़ा चेहरा बनने की राह पर पवन सिंह?
आर.के. सिंह से मुलाकात के बाद चर्चाएं इस कदर तेज हो गई हैं कि लोग अब यह सवाल उठाने लगे हैं—क्या पवन सिंह सच में राजनीति में बड़ा चेहरा बनने की ओर बढ़ रहे हैं? उनकी पत्नी के चुनावी मैदान में उतरने की अटकलों ने पहले ही सियासी गर्माहट पैदा कर दी थी, और अब खुद पवन सिंह की सक्रियता पर मुहर लगती दिख रही है। भोजपुर, बक्सर, काराकाट और सासाराम में उनका प्रभाव किसी बड़े राजनीतिक चेहरे से कम नहीं है।
आगे क्या?
भोजपुरी सिनेमा से राजनीति में कदम रखने वाले पवन सिंह अब जिस रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं, उससे साफ है कि उनकी भूमिका आने वाले विधानसभा चुनावों में बेहद अहम होगी। यदि पवन और आर.के. सिंह का मेल-मिलाप हो गया, तो यह समीकरण न केवल शाहाबाद की सियासत बल्कि पूरे बिहार की राजनीति में बड़ा असर डाल सकता है।
फिलहाल दोनों नेताओं ने इस मुलाकात पर चुप्पी साध रखी है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि पावर स्टार पवन सिंह अब राजनीति में कोई बड़ा धमाका करने की तैयारी में हैं।
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