कुमार इंदर,जबलपुर। मध्यप्रदेश में बिना बिजली खरीदे 16 हजार करोड़ रुपए का भुगतान का मामला सामने आया है। इस मामले को लेकर नागरिक उपभोक्ता मार्ग दर्शक मंच द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। मामले का खुलासा विधानसभा में कैग की रिपोर्ट में हुआ है।

बता दें कि निजी कंपनियों से पीपीए के तहत हर साल बिजली खरीदने का करार होता है। नागरिक उपभोकता मार्ग दर्शक मंच ने इसका विरोध किया है।मंच ने कहा है कि सरकार ने यदि बिजली के रेट बढ़ाया तो जन आंदोलन किया जाएगा। मंच की मानें तो सरकार कोरोना की चौथी लहर आने की संभावना के बीच बिजली के रेट बढ़ाने की तैयारी में है।

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आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सरकार को रेट बढ़ने से रोकने का भी अधिकार और प्रावधान है। विद्युत नियामक अधिनियम के तहत भी सरकार को रोक लगाने का अधिकार है। मंच ने सवाल उठाया है कि सारे अधिकार होने के बाद भी सरकार क्यों चुप बैठी है? जानकारी पीजी नाजपांडे, अध्यक्ष, नागरिक उपभोकता मार्गदर्शक मंच ने दी है।

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