रायपुर. भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस में मचे घमासान को लेकर कटाक्ष किया है कि विधानसभा चुनावों में लगातार चौथी बार पराजय की ओर बढ़ रही कांग्रेस अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि बस्तर संभाग में मची बगावत प्रदेश में कांग्रेस के दुर्दिनों का परिचायक है। अमूमन पूरे प्रदेश में कांग्रेस इसी तरह के अंतर्कलह से जूझ रही है. यही कारण है कि अगस्त माह में कांग्रेस प्रत्याशियों की घोषणा करने वाला कांग्रेस नेतृत्व अब तक अपने प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं कर पाया है.

बस्तर के दंतेवाड़ा में स्व. महेन्द्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा और बेटे छबिन्द्र कर्मा, दोनों ही चुनाव लड़ने पर अड़े हुए हैं. दोनों ने ही नामांकन पत्र तक खरीदकर प्रदेश कांग्रेस के सामने धर्मसंकट खड़ा कर दिया है. दूसरी तरफ भानुप्रतापपुर में कांग्रेस के जिला पंचायत सदस्य वीरेश ठाकुर ने भी बगावत का बिगुल फूंक दिया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल तो दंतेवाड़ा जाकर छबिन्द्र कर्मा को मनाने की नाकाम कोशिश भी कर चुके हैं. इससे प्रदेश नेतृत्व की कमजोरी साफ हो रही है.

कौशिक ने कहा कि सेक्स सीडी और प्रदेश प्रभारी पुनिया के खिलाफ सौदेबाजी के स्टिंग आपरेशन की साजिशों के आरोपों से जूझ रहे पीसीसी चीफ बघेल अब इतने प्रभावहीन और लाचार नजर आ रहे हैं कि कोई उनकी बात तक सुनने को तैयार नहीं है. कांग्रेस के कार्यकर्ता अब खुलेआम बागी तेवर दिखाकर प्रदेश नेतृत्व की अवहेलना पर उतर आए हैं. ऐसे नेतृत्व में कांग्रेस की जीत का ख्वाब देख रहे पार्टी नेताओं की राजनीतिक हैसियत का अंदाज लगाना आसान है. अभी बस्तर तो कांग्रेस की दुरावस्था का एक ट्रेलर है.

जब पूरे प्रदेश में कांग्रेस चुनाव मैदान में उतरेगी, तब जो घमासान और अंतर्कलह मचेगा, समूची कांग्रेस उससे उबर ही नहीं पाएगी. हालात यदि अभी ऐसे हैं, तो आगे चलकर कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व के लिए भी इस असंतोष को थामना मुश्किल ही होगा.