पेंड्रा। छत्तीसगढ़ में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में खाकी दागदार हो गई. पुलिस ने अपराधियों पर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचाने का काम किया है. पुलिस पर जब सवाल उठे, तो कार्रवाई करना लाजमी है. दरअसल पुलिस ने जुएं की फड़ में छापा मारा गया, लेकिन कार्रवाई नहीं की. जैसे ही इसकी जानकारी पुलिस कप्तान तक पहुंची, पुलिसकर्मियों का गाज गिर गई. एसपी त्रिलोक बंसल ने उप निरीक्षक (SI) को निलंबित कर 2 आरक्षकों को लाइन अटैच कर दिया है.
पूरा मामला कोटमी चौकी थाना क्षेत्र का है, जहां विशेषरा गांव में 25 जुलाई की शाम उप निरीक्षक (SI) योगेश अग्रवाल ने जुएं की फड़ में छापेमार कार्रवाई की थी. जुएं के फड़ में छापा जरूर मारा गया, लेकिन पुलिसकर्मियों ने किसी पर कोई कार्रवाई नहीं किया. इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों को मिली. जिसके बाद पुलिस अनुविभागीय अधिकारी (SDOP) अशोक वाडेगांवकर ने गौरेला से मामले की जांच कराई, शिकायत सही पाया गया.
एसडीओपी ने जांच में पाया कि उप निरीक्षक योगेश अग्रवाल ने जुएं की फड़ में रेड जरूर मारा था, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी. इसके अलावा घटना स्थल पर मिले बाइक को बिना कोई वैधानिक कार्रवाई किए कोटमी चौकी में रख लिया. इस कार्रवाई में एसआई की भूमिका संदिग्ध दिखने पर एसपी ने बड़ी कार्रवाई की है.
पुलिस अधीक्षक (SP) त्रिलोक बंसल ने उप निरीक्षक योगेश अग्रवाल को निलंबित कर दिया है. उन्हें रक्षित केन्द्र गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में भेज दिया गया है. इसके साथ ही छापेमारी में शामिल आरक्षक गोपाल ओट्टी और शिव मरकाम को लाइन अटैच कर दिया है. वहीं मरवाही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गौरव मंडल को मामले की जांच कर 3 दिन के भीतर प्रतिवेदन एसपी कार्यालय में भेजने को कहा गया है.
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