रायपुर. अगर आपके घर में रिटायर्ड हैं और पेंशन पाते हैं तो जल्द से जल्द पेंशन अकाउंट वाले बैंक में लाइफ सर्टिफिकेट (Life Certificate) यानी जीवन प्रमाण पत्र जमा कर दें. हर साल पेंशनर्स को पेंशन पाना जारी रखने के लिए 30 नवंबर 2019 तक अपना लाइफ सर्टिफिकेट बैंक में जमा करना होता है. लाइफ सर्टिफिकेट पेंशनर के जीवित होने का सबूत होता है. ऐसा नहीं करने पर पेंशन मिलना बंद हो सकता है.
लाइफ सर्टिफिकेट को पेंशनर अपने पेंशन अकाउंट वाली बैंक ब्रांच या किसी भी ब्रांच में जाकर फिजिकली/मैनुअली जमा कर सकते हैं. इसे डिजिटली किसी भी ब्रांच में, अपने PC/लैपटॉप/मोबाइल के जरिए https://jeevanpramaan.gov.in से, निकटतम आधार आउटलेट/CSC से, उमंग ऐप के जरिए जमा कर सकते हैं. डिजिटली लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने के लिए आधार नंबर, मोबाइल नंबर, पेंशन पेमेंट ऑर्डर (PPO) नंबर व अकाउंट नंबर की जरूरत होगी. फिजिकल फॉर्म में लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने के लिए इसे बैंकों की वेबसाइट से डाउनलोड कर भर के जमा किया जा सकता है.
पेंशनर जिस बैंक ब्रांच से पेंशन लेता है, पहले अपने जीवित होने के सबूत के तौर पर उसे संबंधित ब्रांच में पेश होना पड़ता था. यह पेंशनर्स के लिए काफी परेशानी भरा होता था, विशेषकर खराब स्वास्थ्य वाले पेंशनर्स या दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके पेंशनर्स के लिए. पेंशनर्स की सहूलियत के लिए सरकार ने नवंबर 2014 में जीवन प्रमाण सुविधा लॉन्च की. इसके आने से अब पेंशनर्स को बैंक की उसी ब्रांच में जाकर लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की अनिवार्यता नहीं है, जहां से उनकी पेंशन आती है.
क्या है ‘जीवन प्रमाण’?
जीवन प्रमाण (Jeevan Pramaan) एक आधार बेस्ड डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट है. जीवन प्रमाण की मदद से पेंशनर्स को अब अपनी निकटतम बैंक ब्रांच, कॉमन सर्विस सेंटर यानी CSC या किसी भी सरकारी ऑफिस में जाकर लाइफ सर्टिफिकेट को आधार नंबर के जरिए बायोमैट्रिकली ऑथेंटिकेट करना होता है. साथ ही अपने पेंशन बैंक अकाउंट से जुड़ी कुछ अन्य पेंशन डिटेल्स भी देनी होती हैं. इसके बाद यह डिजिटली जमा हो जाता है.
इन डॉक्युमेंट्स को अपने साथ लेकर जाएं- ओरिजिनल PPO, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, इन सभी की फोटोकॉपी, पेंशन सैंक्शनिंग अथॉरिटी का नाम, मोबाइल नंबर . सटिफिकेट जमा करने के लिए निकटतम बैंक ब्रांच, CSC या सरकारी ऑफिस का पता jeevanpramaan.gov.in पर ‘लोकेट सेंटर’ ऑप्शन से लगाया जा सकता है.
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट को आधार नंबर से तभी ऑथेंटिकेट किया जा सकता है, जब पेंशनर का अकाउंट आधार नंबर से लिंक हो. डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के सक्सेसफुल सबमिशन के बाद पेंशनर को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर SMS आ जाता है, जिसमें ट्रांजेक्शन आईडी होती है. इस आईडी के इस्तेमाल से पेंशनर jeevanpramaan.gov.in से कंप्यूटर जनरेटेड लाइफ सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं.
उमंग ऐप के जरिए सबमिशन
उमंग ऐप पर जीवन प्रमाण सर्च करना होगा और जनरेट लाइफ सर्टिफिकेट पर क्लिक करना होगा. इसके बाद पेंशनर ऑथेंटिकेशन पेज खुल जाएगा. इसमें जरूरी इनफॉरमेशन भरकर डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जनरेट किया जा सकता है.
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के लिए रजिस्ट्रेशन
इसके लिए CSC, बैंकों और सरकारी ऑफिसेज द्वारा चलाए जा रहे जीवन प्रमाण सेंटर के जरिए रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है. या फिर कंप्यूटर, मोबाइल या टैबलेट पर क्लाइंट एप्लीकेशन डाउनलोड कर रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है. इसकी पूरी जानकारी https://jeevanpramaan.gov.in/#certificate से, https://jeevanpramaan.gov.in/app/faq से और https://jeevanpramaan.gov.in/newassets/docs/Procedures_for_DLC_Ver1_0.pdf से ली जा सकती है.
इस फैक्ट को भी रखें याद
अगर पेंशनर की दोबारा नौकरी लग गई है या फैमिली पेंशनर की दोबारा शादी हो गई है तो लाइफ सर्टिफिकेट केवल फिजिकल फॉर्मेट में ही जमा करना होगा. जीवन प्रमाण पूरी जिंदगी के लिए वैलिड नहीं है. इसका वैलिडिटी पीरियड यानी वैधता अवधि पेंशन सैंक्शनिंग अथॉरिटी द्वारा तय नियमों के मुताबिक होती है. यह वैलिडिटी पीरियड खत्म हो जाने के बाद नए सर्टिफिकेट की जरूरत होती है.
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