प्रयागराज. जिले में प्रदेश के हजारों छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के मद्देनजर प्रतिवर्ष आते हैं. इनमें से कुछ छात्र सफल तो कभी-कभी कुछ छात्र असफल भी होते हैं. इसी क्रम में जिले से एक दुखद आंकड़ा भी सामने आ रहा है. बता दें कि प्रतियोगी छात्र हताशा और निराशा में मौत को गले लगा ले रहे हैं.

जानकारी के अनुसार, महज छह महीने में 16 प्रतियोगी छात्रों ने खुदकुशी कर ली. ज्यादातर मामलों में घर वालों और दोस्तों को इसकी भनक तक नहीं लगी कि छात्र-छात्राओं के मन में क्या चल रहा है. मनोविज्ञानियों का कहना है कि घर वालों को अवसाद के प्रारंभिक लक्षण पहचानने होंगे.

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गौरतलब है कि बड़ी संख्या में प्रतियोगी छात्र शहर के लॉजों और किराये के मकानों में रहकर अलग-अलग परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. कुछ कोचिंग का सहारा लेते हैं तो कुछ खुद ही तैयारी करते हैं. घर वालों से दूर रह रहे इन प्रतियोगी छात्रों की उम्र स्कूल कालेज जाने वाले छात्रों से अधिक होती है. उन पर जल्द से जल्द नौकरी पाने का दबाव भी होता है. घर वालों की बड़ी आशाएं भी उनसे जुड़ी होती हैं.