सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। कोरोना होने के बाद लोगों में ब्लैक फंगस होने की बात अब तक सामने आ रही थी, लेकिन अब ऐसे लोग भी सामने आ रहे हैं, जिन्हें कोरोना नहीं होने के बाद भी ब्लैक फंगस हो रहा है. मेकाहारा, रायपुर में ऐसे चार मरीजों का इलाज किया जा रहा है.

मेकाहारा में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए भर्ती 18 मरीजों में से 4 को कोविड नहीं हुआ था. इनमें से बिलासपुर से 2, बलौदा बाज़ार और मुंगेली एक एक मरीज़ शामिल हैं. हालांकि, विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि यह बीमारी ज्यादा लोगों में नहीं फैलेगा, क्योंकि यह संक्रामक नहीं है. डरने की कोई बात नहीं है. सावधान रहें और लक्षण आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर हॉस्पीटल के अधीक्षक डॉ. विनीत जैन ने बताया कि हमारे यहां 18 ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीज़ भर्ती हैं, जिसमें से चार ऐसे मरीज हैं, जिनका कोई कोविड हिस्ट्री नहीं है. इनको भी ब्लैक फंगस हुआ है. फिलहाल उन्हें ब्लैंक फंगस होने का कारण पता नहीं चला है. उन्होंने बताया कि ब्लैंग फंगस से ग्रसित चार मरीजों में से दो ऐसे मरीज हैं, जिनको डायबिटीज़ नहीं है. वहीं दो मरीजों को ब्लैक फंगस होने के बाद पता चला कि उनको डायबिटीज़ है. सभी मरीज़ों का इलाज जारी है. आवश्यकतानुसार ऑपरेशन भी किया जा रहा है.

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वहीं मेडिकल शिक्षा संचालक आरके सिंह ने बताया कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में ब्लैक फंगस के इलाज किया जा रहा है. सभी मेडिकल कॉलेजों में मरीज भर्ती हैं. फिलहाल दवा की कोई कमी नहीं है, दवा की सप्लाई जारी है.

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