हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश का इंदौर शहर का नाम हर साल देश के सबसे साफ शहरों में आता है। लेकिन यहां अब यह शहर चूहों की वजह से नया रिकॉर्ड बना रहा है। बीते कुछ हफ़्तों में अस्पताल में बच्चों की मौत से लेकर ब्रिज कुतरने जैसी वारदातों को चूहों ने अंजाम दिया है। जिसकी वजह से अब इन्हें लेकर डर बढ़ता जा रहा है।
दरअसल, ठंड में चूहों के काटने के मामले में बढ़ोत्तरी हुई है। 1 साल में 1 हजार से ज्यादा चूहों के काटने के मामले सामने आए हैं। माउस अटैक की वजह से लोगों को कुत्तों के काटने वाले इंजेक्शन लगवाने पड़ रहे हैं।
इंदौर में अब तक दो मासूम नवजात बच्चों की चूहों के कुतरने की वजह से जान जा चुकी है। एयरपोर्ट पर चूहे के काटने की वजह से सॉफ्टवेयर इंजीनियर को बेंगलुरु में इंजेक्शन लगवानी पड़ी। वहीं इंदौर के लगभग 100 साल पुराने शास्त्री ब्रिज के सड़क का एक हिस्सा भी धंस चुका है। क्योंकि, चूहों के बिल ने ब्रिज को अंदर से खोखला कर दिया था।
गनीमत रही जब सड़क धंसी उस वक्त ज्यादा वाहन वहां से नहीं गुजरी क्योंकि दिन रविवार का था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। ट्रेन के अंदर भी चूहों से परेशान यात्रियों का वीडियो भी सामने आ चुका है।
लेकिन इन मामलों के सामने आने के बाद देश के सबसे स्वच्छ शहर जो पिछले 8 सालों से स्वच्छता में अव्वल है उसी शहर से चूहों के काटने वाले चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। चूहों के आगे बेबस इंदौर का सरकारी सिस्टम सवाल यही रैट बाइट के लिए कौन – कौन है जिम्मेदार। रैट बाइट को रोकने के लिए नगर निगम का क्या है मास्टर प्लान।
इंदौर के रैट बाइट हॉट स्पॉट
भंवरकुआ क्षेत्र के भोलाराम उस्ताद मार्ग, विष्णुपुरी और इंद्रपुरी कॉलोनी
बंगाली चौराहा, छत्रीपुरा मल्हारगंज, परदेशीपुरा,पालदा, भागीरथपुरा, पाटनीपुरा,कुशवाह नगर, स्कीम 51,छोटी ग्वालटोली, रीगल चौराहा और इंदौर का एमवाय हॉस्पिटल
हर महीने रैट बाइट के आंकड़े जो शहर के सरकारी हुकुमचंद पॉली क्लिनिक सरकारी अस्पताल के रिकॉर्ड में दर्ज है।
जनवरी – 30
फरवरी – 38
मार्च – 55
अप्रैल – 35
मई – 63
जून – 108
जुलाई – 234
अगस्त – 171
सितंबर – 211
अक्टूबर – 178
नवम्बर -128
वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट अजय दुबे के मुताबिक ठंड से बचने के लिए गर्म स्थान को ढूंढने के लिए चूहे घरों के कमरों तक पहुंच जाते हैं। वहीं ठंड में शादियों का सीजन शुरू हो जाता है जिससे खाने-पीने की सुगंध के वजह से भी चूहे अपने बिल से बाहर आते हैं। यह दो बड़ी वजह है जिसके वजह से ठंड में चूहों के काटने के मामले बढ़ जाते हैं।
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