कवर्धा. कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर के नेतृत्व में शहर में शनिवार को निकली तिरंगा यात्रा के दौरान हजारों की संख्या में जनसैलाब उमड़ी. शहर के हर गली कूचे में हर वर्ग के लोग हाथों में तिरंगा लहराते नजर आए. लगभग 4 घंटे चली यात्रा का समापन गांधी मैदान में हुई. सभा को कैबिनेट मंत्री अकबर ने संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर घर-घर तिरंगा, हर घर तिरंगा एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के आह्वान पर आजादी के 75वें वर्षगांठ पर 75 किलोमीटर की पदयात्रा का संयुक्त आयोजन किया जा रहा है.
सभा को संबोधित करते कैबिनेट मंत्री अकबर ने कहा कि ये राजनीतिक यात्रा नहीं है, ये धर्म या समाज से जुड़ी यात्रा नहीं है, ये तिरंगे की शान में और उसके सम्मान में आयोजित यात्रा है. ये यात्रा दरअसल हमारा संकल्प है. जब हम तिरंगे की बात करते हैं, जब हम तिरंगा यात्रा निकालते हैं तो हम ये जानते हैं कि हमारे देश के राष्ट्रीय ध्वज इस तिरंगे ने हमको कितनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है.
उन्होंने कहा हम तो भारत माता के वो सिपाही हैं, जिनकी पीढ़ियों ने इस तिरंगे के लिए कुर्बानियां दीं. शहादतें दीं, सीने पर गोलियां खाईं, अपना लहू बहाया. हम तो वो लोग हैं, जो अपनी मां, भारत माता को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए दुनिया के शायद सबसे बड़े स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बने. हमारे पुरखे लड़े, कुर्बानियां दीं. अंग्रेजों से आजादी छीन कर हासिल की फिर अपने देश को एक नई ताकत देने के लिए, अपने देश के नागरिकों को गरिमा और सम्मान के साथ जीने का अधिकार देने के लिए हमें एक संविधान दिया और आजादी का यह गौरवशाली प्रतीक तिरंगा हमें सौंपा.
मंत्री अकबर ने कहा, हमारे पुरखों ने संविधान के नाम पर हमें कागजों का एक पुलिंदा नहीं सौंपा था और न ही तिरंगे नाम का तीन रंगों का साधारण कपड़ा ही सौंपा था. हमारे पुरखों ने उस दिन हमसे एक संकल्प लिया था, वो संकल्प था इस देश की आजादी को सहेज कर रखना. उन्होंने कहा, आजादी की रक्षा का मतलब क्या है? इस बात को हमें समझना होगा. आज इस देश में ऐसे भी लोग हैं, जो आजादी की लड़ाई के दौर में अंग्रेजों के पिट्ठू थे, उनके मुखबिर थे, उनसे माफी मांगते थे और उनसे पेंशन लेते थे. ये वो लोग हैं जिन्हें ना ये एहसास है कि आजादी का मूल्य क्या है, न इस बात का एहसास है कि तिरंगे का सम्मान देश में अमन और भाईचारे से है. देश में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के बेहतर अवसरों से है, देश में एक मजबूत लोकतंत्र से है.
मंत्री मोहम्मद अकबर ने आगे कहा, जो लोग महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल, सुभाषचंद्र बोस या भगत सिंह के देश में लोकतंत्र विरोधी माहौल बना रहे हैं, वो हमें देशभक्ति का प्रमाणपत्र बांटने निकले हैं. तिरंगे की शान इस बात में है कि हमारे देश का एक-एक नागरिक गरिमा और सम्मान का जीवन बिताएं, लेकिन दुर्भाग्य से आज इस देश की जड़ों को खोखला किया जा रहा है. देश को चंद उद्योगपतियों के हाथों गिरवी रख दिया जा रहा है, देश में आज तक की सबसे भयावह बेरोजगारी है, मंहगाई जीने नहीं दे रही है. हमारे औद्योगिक तीर्थ जिन्होंने बड़ी से बड़ी मंदी में भी इस देश की अर्थव्यवस्था को संभाला था उसे बेचे जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, जिस आधुनिक भारत का निर्माण गांधी जी के मूल्यों की प्रेरणा से पंडित नेहरू ने किया था उस आधुनिक भारत को नष्ट करने की साजिशें रची जा रही हैं. तिरंगे का सम्मान तो इस बात में भी है साथियों कि आज हम संकल्प लें कि हम आधुनिक भारत की उस कल्पना के साथ मजबूती से खड़े रहें, संकल्प लें कि हम अपने लोकतंत्र की रक्षा करेंगे. कांग्रेस पार्टी ही वो पार्टी है, जिसने आजादी के लिए सिर्फ लड़ाई ही नहीं लड़ी, बल्कि अपनी आजादी को बचाने के लिए भी हमारे नेताओं ने शहादतें दीं. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की शहादतें इस बात की प्रतीक हैं. कांग्रेस पार्टी ही वो पार्टी है, जिसने अपने नागरिकों को सूचना का अधिकार, भोजन का अधिकार, शिक्षा का अधिकार और महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम जैसे रोजगार के कानूनी अधिकार दिए.
मंत्री अकबर ने कहा, आज हमारे राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार इसी रास्ते पर है. आज छत्तीसगढ़ में गांधी जी और नेहरू जी के मूल्यों पर काम हो रहा है. हम गरीबी से लड़ रहे हैं. बेरोजगारी को मात देने की कोशिश कर रहे हैं. शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में ऐसे काम कर रहे हैं, जिनकी वजह से देश में भूपेश सरकार के छत्तीसगढ़ माॅडल की चर्चा हो रही है. हमने ऐसी नीतियां बनाई हैं, जिनकी बदौलत अनुसूचित जातियों, जनजातियों और पिछड़ा वर्ग को आर्थिक, सामाजिक रूप से ताकत मिल रही है. आज छत्तीसढ़ विकास की जो गाथा लिख रहा है वो आधुनिक भारत की हमारी कल्पना को साकार करने की दिशा में ही है.
मंत्री अकबर ने कहा, कवर्धा की हर गली और हर मोहल्ले में भारत माता की जय के नारे गूंजे. भारत माता की जय का असली मतलब होगा कवर्धा, विकास और एकता की ऐसी इबारत लिखे कि देश में गर्व के साथ कहा जाए, भारत माता की जय का सबसे बुलंद नारा कवर्धा की जनता ने लगाया है. कवर्धा की जनता छत्तीसगढ़ और देश की हर उस आवाज के साथ अपनी आवाज मिलाएगी जो हमारी एकता, अखंडता और विकास के हक की आवाज होगी.
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