आशुतोष तिवारी,रीवा। मध्यप्रदेश के रीवा से एक अच्छी खबर सामने आई है. यहां की आंगनबाड़ी प्रदेश में मॉडल बन गई हैं. जिले में संचालित सभी 3434 आंगनबाड़ी केन्द्रों को किसी न किसी ने गोद ले रखा है. अब इन आंगनबाड़ी केन्द्रों को सरकार के साथ ही जन सहयोग से चलाया जा रहा है. इससे ना केवल आंगनबाड़ी केन्द्रों में सुधार आया है, बल्कि व्यवस्थाओं में भी लोग बढ़ चढ़कर सहयोग कर रही है.
रीवा जिले में कुल 3434 आंगनवाड़ी केंद्र संचालित है. जिले के कलेक्टर मनोज पुष्प ने नवाचार के तहत जिले में नवजीवन अभियान एडाप्ट इन आंगनबाड़ी गोद लेने की मुहिम चलाई. इस मुहिम में 3434 आंगबाड़ी केन्द्रों को गोद लेने के लिए 3600 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे. प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र को एक-एक जनप्रतिनिधि अफसर समाजसेवी और आमजन ने गोद ले लिया है. इससे जहां आगनबाड़ी केन्द्रों का स्तर सुधर गया है.
कलेक्टर ने जन सहयोग से बच्चों को खिलौने कपड़े, कॉपी किताब और जरूरत की सामग्री वितरित की. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस नवाचार से काफी प्रभावित हुए. एडाप्ट इन आंगनबाड़ी केन्द्रों को देखकर प्रदेश के अन्य जिलों में इस नवाचार को करने की अपील की है. अब कलेक्टर जिले की सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों के बेहतर संचालन करने की योजना पर काम कर रहे हैं. इनका मानना है कि यह व्यवस्था लंबे समय तक बनी रहनी चाहिए. आमजन को इस नवाचार के माध्यम से जोड़े रहना बड़ी चुनौती है.
आंगनबाड़ी केन्दों को गोद लेने की इस मुहिम में आमजन, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी ने ख़ास रूचि दिखाई. जिले में 3434 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है. इन्हें गोद लेने के लोगों को ढूढ़ना नहीं पड़ा. हालत यह रहे की कई आंगनवाड़ी केन्द्र ऐसे थे, जिन्हें गोद लेने के लिए दो-तीन आवेदन आ गए थे. वहीं आवश्यक सामग्री और देखरेख आसानी से हो रही है. कलेक्टर के इस नवाचार को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने जमकर सराहा है. आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की संख्या के इजाफा होने के साथ ही लोग रूचि दिखाने लगे है.
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