आमोद कुमार, भोजपुर। बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच भोजपुर जिले के संदेश विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नवादाबेन गांव में ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा है। वर्षों से बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे ग्रामीणों ने इस बार आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। गांव के लोगों ने तीन सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन किया और वोट बहिष्कार की चेतावनी दी है।

प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने सड़क पर उतरकर सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ नारेबाजी की। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव आते ही नेता वादों की झड़ी लगा देते हैं, लेकिन चुनाव बीतते ही समस्याएं जस की तस रह जाती हैं।

ग्रामीणों की तीन प्रमुख मांगे:

  1. गांव की जर्जर सड़कों की मरम्मत
  2. समुचित नाली व जल निकासी की व्यवस्था
  3. कारीसाथ रेलवे स्टेशन पर फूट ओवर ब्रिज का निर्माण

ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के दिनों में हालत और भी भयावह हो जाती है। सड़कों पर कीचड़ व नाली का गंदा पानी बहता है, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित होता है।

रेलवे अंडरपास बना जी का जंजाल

ग्रामीण हनुमान प्रसाद ने बताया कि कारीसाथ रेलवे स्टेशन के पास अंडरपास में चार से पांच महीने तक पानी भरा रहता है, जिससे गांव का संपर्क पूरी तरह कट जाता है। स्कूली बच्चों, मरीजों और कामकाजी लोगों को जान जोखिम में डालकर आवागमन करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि कारीसाथ रेलवे स्टेशन पर फूट ओवर ब्रिज नहीं होने के कारण आए दिन हादसे होते हैं। कई बार रेलवे प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

‘अब नहीं चाहिए खोखले वादे’

95 वर्षीय बलिराम मिश्रा ने कहा, “हर बार चुनाव में नेता आते हैं, झूठे वादे करते हैं और चले जाते हैं। इस बार अगर चुनाव से पहले काम शुरू नहीं हुआ, तो न हम वोट देंगे, न गांव में किसी नेता को घुसने देंगे।” ग्रामीणों का यह रुख ऐसे समय सामने आया है जब बिहार में चुनावी गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं। संदेश विधानसभा क्षेत्र में यह जन आक्रोश अन्य गांवों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है, जहां वर्षों से लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसते रहे हैं।

अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस चेतावनी को गंभीरता से लेते हैं या यह चुनाव भी बाकी चुनावों की तरह वादों के वायदे और नारों में ही बीत जाएगा।

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