फीचर स्टोरी । छत्तीसगढ़ में प्रदेशवासियों को हर क्षेत्र में बेहतर सुविधा देने की कोशिश भूपेश सरकार कर रही है. बुनियादी तौर पर मूलभूत सुविधाओं को लेकर सरकार ने कई बड़े जतन किए हैं. सरकार ने कई जनहितैषी योजनाओं को शुरू किया, जिससे लोगों को सीधा और त्वरित लाभ मिल सके. विशेषकर सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं पर काफी काम किया है. भूपेश सरकार जहां यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम पर काम कर रही है, तो वहीं सरकार दो बड़ी स्वास्थ्य योजनाओं का क्रियान्वयन भी कर रही है. इसमें एक योजना डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना तो दूसरी मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना शामिल है. इस रिपोर्ट में हम बात करेंगे मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना की. यह योजना देशभर में एक अलग तरह की और गंभीर बिमारियों में राज्य के लोगों आर्थिक रूप से बड़ी मदद देने की योजना है. योजना के आरंभ से अब तक बीते 2 वर्षों में हजारों को नवजीवन मिला है. आर्थिक चिंता छत्तीसगढ़ के जनमन की कम हुई है. दरअसल छत्तीसगढ़ का देश का पहला ऐसा राज्य है जहां 20 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य सहायता गंभीर बिमारियों के इलाज पर दी जा रही है.
मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना की शुरुआत 1 जनवरी 2020 से हुई है. जनवरी 2020 से लेकर जून 2020 तक इस योजना से 24 सौ अधिक हितग्राही लाभांवित हो चुके हैं. कुल अब तक 2429 प्रकरण इस योजना तक बने हैं. जिसमें सरकार की ओर से 43 करोड़ 30 लाख रुपये की राशि जारी की गई है. इनमें ट्रांसप्लांट के 63 प्रकरणो में प्रति हितग्राही 12 से 20 लाख रुपये तक की स्वीकृति दी गई है. लीवर ट्रांसप्लांट के 13 प्रकरणों में योजना के तहत प्रति हितग्राही को 18 से 20 लाख रुपये तक की स्वीकृति दी जा चुकी है, जबकि किडनी ट्रांसप्लांट के 56 प्रकरण स्वीकृत किए गए हैं. जिसमें प्रति प्रकरण 04 से 06 लाख रूपए की स्वीकृति दी गई है.
इस योजना का लाभ
मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना लाभ मुख्य रूप से निर्धन परिवार को दिया जाता है. लेकिन विषम परिस्थितियों में मुख्यमंत्री की ओर से इसमें शिथिलता प्रदान की जा रही है. योजना के तहत छत्तीसगढ़ के प्राथमिक और अंत्योदय राशन कार्डधारी परिवार ले सकते हैं. हालांकि कई प्रकरणों में मुख्यमंत्री से विशेष सहायता की मांग भी की जा रही है. इनमें जो लोग अंत्योदय की श्रेणी में नहीं आते उन्हें आर्थिक मदद सीएम सचिवालय में पत्र व्यवहार के बाद की जाती है. कई लोगों को इसका लाभ भी दिया भी गया है.
रतन लाल यादव को तत्काल मिली मदद
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पीड़ित व्यक्तियों की मदद के लिए बेहद संवेदनशील के नेता के तौर पर जाने जाते हैं. किसी पीड़ित की कोई अर्जी उन तक पहुंची तो फिर उन्हें हर संभव सहायता पहुंचाने की कोशिश करते हैं. जैसे कि उन्होंने रतन लाय यादव की. बलौदाबाजार जिले के रहने वाले रतन लाल ने मुख्यमंत्री से चार महीने के बच्चे की इलाज के लिए मदद मांगी. रतन लाल ने बताया कि उनके बच्चे को दिल की बिमारी है. ऑपरेशन के लिए आर्थिक मदद की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने इस पर तत्काल सहायता पहुंचाई. मुख्यमंत्री विशेष सहायता कोष से रतन को लाल को 4 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई. इससे रतन लाल के बच्चे का सफल ऑपरेशन हैदराबाद में हो गया.
खेमलाल साहू को भी मिली मदद
रतन लाल की तरह ही खेमलाल साहू को भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मदद प्रदान की थी. खेमलाल ने अपने तीन माह के बच्चे अमनदीप के लिए मुख्यमंत्री से सहायता की गुहार लगाई थी. अमनदीप भी दिल की बिमारी से पीड़ित था. खेमलाल ने आर्थिक सहायता के लिए मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना के तहत आवेदन किया था. खेमलाल के आवेदन पर बिना किसी विलंब के कार्रवाई की गई. पीड़ित परिवार को 3 लाख रुपये 7 हजार रुपये की राशि दी गई गई. इस आर्थिक मदद से समय पर अमनदीप का सफल इलाज संभव हो सका.
52 वर्षीय साजिद अहमद ने पाया नवजीवन
बालोद जिला निवासी साजिद अहमद गंभीर बिमारी से ग्रसित था. ब्रेन हेमरेज के बाद साजिद पैरालाइज का शिकार हो गया था. समूचित इलाज करा पाने में साजिद आर्थिक रूप से सक्षम नहीं था. ऐसे में उन्हें मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना की जानकारी मिली. परिवार के लोगों ने योजना के तहत आवेदन किया. कागजी कार्रवाई के बाद साजिद को राजधानी स्थित एक बड़े निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज खर्च राशि 5 लाख रुपये की सहायता सरकार की ओर से दी गई. इलाज के बाद अब साजिद पहले काफी स्वस्थ्य है.
शांता को मिली संजीवनी
गुंडरदेही ब्लॉक के बरबसपुर निवासी 79 वर्षीय शांत बेहद परेशान थी. पेट में कैंसर से पीड़ित शांता तकलीफ से गुजर रही थी. आर्थिक कठिनाइयों के चलते शांता अपना इलाज बेहतर से बेहतर नहीं करा पा रही थी. इस बीच परिवार के लोगों को मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के बारे में बताया गया. बताया कि योजना के तहत विषम परिस्थितियों में सरकार की ओर से नियमों को शिथिल कर मदद की जाती है. शांता के परिवार के लोग जोकि आर्थिक अभाव में बेहतर इलाज कि आश छोड़ चुके थे, उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर योजना के तहत आवेदन किया. दस्तावेज पूर्ण के बाद विभाग की ओर से शांता के इलाज के लिए सरकार की ओर से 3 लाख 67 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई.
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