मुख्यमंत्री की मंशा समाज के हर वर्ग तक न्याय पहुंचाने की रही है. खासकर पिछड़ी जनजातियों के उत्थान को लेकर राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. इसी कड़ी में ग्रामीण अंचलों में निवासरत पहाड़ी कोरवा और पण्डो समुदाय के लोग जो सरल एवं सहज स्वभाव से जीवन यापन करते हैं, समय के साथ-साथ इनकी जनसंख्या भी कम होती जा रही है, इसलिए राज्य शासन द्वारा इन्हें संरक्षित और मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है.
कलेक्टर विजय दयाराम के. के निर्देशन एवं जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी रेना जमील के मार्गदर्शन में बिहान द्वारा संचालित उत्थान परियोजना के माध्यम से पहाड़ी कोरवा और पण्डो समुदाय बाहुल्य क्षेत्रों में उपलब्ध संसाधनों का आंकलन कर उचित प्रबंधन तैयार करके समुदाय के लोगों को स्थाई आजीविका उपलब्ध कराया गया है. बिहान योजना के अंतर्गत पण्डों और पहाड़ी कोरवा समुदाय के लोगों को सामुदायिक कैडर के रूप में तैयार किया जा रहा है. उन्हीं के द्वारा उनके समुदाय के लोंगो में स्व-सहायता समूह का गठन किया जा रहा है. जिले में अब तक विशेष संरक्षित जनजाति के लिए विशेष 81 स्व-सहायता समूहों का गठन किया गया है. जिसमें 63 विशेष संरक्षित जनजाति समुदाय के स्व-सहायता समूहों को चक्रिय निधि और 54 स्व-सहायता समूहों को सामुदायिक निवेश निधि बिहान योजना के तहत गैर कृषि आधारित आजीविका मूलक गतिविधियों संचालित करने के लिए बैंकों और बिहान से ऋण के साथ ही लोगों को राशन, स्वास्थ्य, शिक्षा, बीमा और जाति प्रमाण पत्र समेत सभी शासकीय योजनाओें का लाभ दिलाने का कार्य किया जा रहा है.
विशेष पिछड़ी जनजाति के हिरालाल पण्डो, जो उत्थान परियोजना के तहत पण्डो सीआरपी रूप में कार्यरत हैं, उन्होंने बताया कि पण्डो समाज के उत्थान के लिए राज्य शासन लगातार कार्य कर रही है. हीरालाल पण्डो बताते हैं कि उनकी पत्नी फूलमती पण्डों गांव में ही सपना स्व-सहायता समूह से जुड़ी और जिला प्रशासन के सहयोग से प्रशिक्षण प्राप्त कर सक्रिय महिला का काम करते हुए स्कूल में मध्यान्ह भोजन बनाने का काम करने लगी. 2022 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा विशेष पिछड़ी और संरक्षित जनजाति के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को सीधी भर्ती के माध्यम से नौकरी देने की घोषणा के बाद फूलमती पण्डो की नियुक्ति भृत्य के पद पर हुई. जिसके बाद फूलमती के पति हीरालाल ने अपने समुदाय के लोगों को उनके पारंपरिक भोजन जैसे- समामेरो, कुटकी से रोग प्रतिरोधक क्षमता के प्रति जागरूक करते हुए राशन, स्वास्थ्य, शिक्षा, बीमा और जाति प्रमाण पत्र समेत सभी हितग्राहीमूलक योजनाओें का लाभ दिलाने का कार्य कर रहे हैं.
साथ ही स्व-सहायता के काम को आगे बढ़ाते हुए अपने समुदाय के लोगों को बिहान योजना का लाभ दिलाने का बीड़ा उठाया और खुद समूह से ऋण लेकर मिनी राईस मिल, फोटो कॉपी मशीन, होटल और टेंट हाऊस के संचालन का कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहान योजना ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है. साथ ही योजना का लाभ लेकर अपनी जीविका अच्छी तरह से चला रहे हैं. उन्हें अब अपना नाम और जाति पण्डो बताने में गर्व महसूस होता है. हीरालाल पण्डों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और जिला प्रशासन के द्वारा विशेष पिछड़ी जनजातियों के उत्थान के लिए किये जा रहे कार्यों के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है.
- छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक