सुशील सलाम, कांकेर। आदिवासी बाहुल्य कांकेर जिले के परवी पंचायत में अब पक्के पुल का सपना साकार होने जा रहा है. जंगलों से घिरे इस इलाके में हर साल ग्रामीणों को बरसात के दौरान बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ता था. आलम यह था कि प्रशासन की उदासीनता के चलते ग्रामीण खुद ही भोरका नाला पर बांस और लकड़ियों से पुल बनाते थे, जिससे उन्हें आने-जाने में सहूलियत हो सके.

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Lalluram ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया और भोरका नाला पर पुल निर्माण के लिए लगभग 3 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की. अब यह पुल लगभग 20 दिनों के भीतर तैयार हो जाएगा, जिससे बारिश के मौसम में भी ग्रामीणों को राहत मिलेगी.

परवी पंचायत कांकेर मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित है, जहां के निवासियों ने पहले अपने देसी जुगाड़ से एक अस्थायी पुल तैयार किया था. लेकिन अब जल्द ही उन्हें हर साल यह कवायद नहीं करनी पड़ेगी, क्योंकि मजबूत और टिकाऊ पक्के पुल के जरिए ग्रामीणों को सुरक्षित और आसान आवागमन मिलेगा.

ग्रामीण बताते है पहले नदी में पुल नहीं होने से ग्रामीणों को राशन लेने हो या मरीज को अस्पताल पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, जिससे अब निजात मिलेगी. पुल के बनने पर ग्रामीणों ने Lalluram के साथ शासन-प्रशासन का धन्यवाद किया.