हेमंत शर्मा,रायपुर। 2019 का सबसे बड़ा और आखिरी सूर्य ग्रहण शुरू हो चुका है. इससे पहले इस साल 6 जनवरी और 2 जुलाई को आंशिक सूर्यग्रहण लगा था. यह सूर्य ग्रहण खंडग्रास वलयाकार ग्रहण है. राजधानी रायपुर में सूर्यग्रहण को लोग उत्सव के रूप में मना रहे हैं. नगर निगम में इस मौके पर विज्ञान सभा द्वारा सूर्य उत्सव का आयोजन किया गया है. सूर्य ग्रहण की रोमांचक खगोलीय घटना को दिखाने टेलीस्कोप लगाया गया है. यहां खगोलीय घटनाओं में रूचि रखने वालों को ग्रहण का नजारा दिखाने के लिए टेलीस्कोप लगाया गया है.
हालांकि बादल छाए रहने की वजह से स्पष्ट रूप से सूर्यग्रहण नहीं दिखाई दे रहा है. यहां बच्चों के मनोरंजन के लिए पेंटिंग प्रतियोगिता भी रखी गई हैं.
विज्ञान सभा से आये विशेषज्ञों ने लोगो में सूर्यग्रहण को लेकर फैले भ्रम को लोगों के सवालों के जवाब के माध्यम से दूर किया जा रहा है. सूर्यग्रहण के संबंध में वैज्ञानिकों और लोगो सवाल-जवाब का कार्यक्रम रखा गया. इस दौरान वैज्ञानिकों ने लोगों के मन में सूर्यग्रहण को लेकर कई तरह की पल रही मान्यताओं का वैज्ञानिक द्रष्टिकोण से समाधान किया गया.
विज्ञान सभा से जुड़े डॉक्टर केबी बंसोड़े ने बता कि सूर्यग्रहण जो हो रहा है यह एक खगोलीय घटना हैं. इसको लेकर भारत मे अलग- अलग तरह की मान्यताएं है कि हमको यह नहीं करना चाहिए,खाना नहीं खाना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को बाहर नहीं निकलना चाहिए. यह जो भ्रम लोगों में है उसको दूर करने के लिए विज्ञानसभा ने एक कार्यक्रम रखा है. इसमे हम यह बताना चाहते है कि यह घटना बेसिकली खगोलीय घटना है. इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं. इसको हम लोगो को एन्जॉय करना चाहिए. इससे शरीर और हमारे एक्टिविटी पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता. यह सिर्फ भारत में नहीं कई सारे देशों में पड़ रहा है.
बता दें कि नासा ने सूर्य ग्रहण लगने से पहले एक चेतावनी जारी की है कि इसे नग्न आंखों से देखने का प्रयास न करें. इसे देखने के लिए सनग्लास का इस्तेमाल करना सही होगा. इसके अलावा इसे ऑनलाइन भी देखा जा सकता है.