दिल्ली. आप मंदिर जाते हैं तो भगवान को भोग लगाने के लिए कई तरह के प्रसाद बनाकर ले जाते होंगे. एक से एक पकवान, जिनसे ईश्वर प्रसन्न हों और आपकी हर मुराद पूरी हो.
पर हमारे देश में एक मंदिर ऐसा भी है, जहां लोग प्रसाद नहीं बल्कि जूतों की माला चढ़ाते हैं. ये मंदिर माता का है. मंदिर कनार्टक के गुलबर्ग जिले में है. नाम है लकम्मा देवी मंदिर.
इस मंदिर में हर साल ‘फुटवियर फेस्टिवल’ भी होता है, जिसमें काफी दूर से लोग आते हैं. इस मंदिर के हजारों मील दूर तक ये मान्यता है कि मंदिर में सभी की मनोकामनाएं पूरी होती है. अगर सच्चे दिल से यहां कुछ मांगा जाए तो देवी उसे पूरा करती हैं.
लोगों का मानना है कि अगर देवी को चप्पल चढ़ाई जाए तो इससे वे प्रसन्न होती हैं और बुरी शक्तियों से रक्षा करती हैं. यही नहीं जिन लोगों के पैरों और घुटनों में दर्द रहता है वे यहां बड़ी संख्या में चप्पल चढ़ाते हैं. उनका मानना है कि ऐसा करने से देवी उनके इस दर्द को दूर करती हैं.
एक मान्यता ये भी है कि भक्तों द्वारा चढ़ाई गई चप्पलों को देवी रात में पहनकर घूमती हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मंदिर में केवल हिंदू ही नहीं बल्कि मुस्लिम समुदाय के लोग भी आते हैं.