Martyr Captain Anshuman Singh: सफेद साड़ी पहनकर इतराती और अलग-अलग स्टाइल में पोज देती एक महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर हो रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि ये शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति सिंह (Smriti Singh) हैं। महिला को कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी समझ ट्रोल किया जा रहा है। एक फेसबुक यूजर ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, “एक करोड़ और शौर्य चक्र लेकर इंस्टाग्राम पर खूबसूरती बिखेरती शहीद की पत्नी। इसके बाद तो उस महिला को सोशल मीडिया पर इतना ट्रोल किया गया कि इन सबसे परेशान होकर महिला ने अपना पक्ष रखा और कानूनी कार्रवाई की बात कही है।
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रेशमा सेबेस्टियन (Reshma Sebastian) ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह बेतुका है! स्मृति सिंह के बारे में गलत जानकारी फैलाने की खातिर मेरी पहचान का उपयोग किया जा रहा है। हम कानूनी कार्रवाई करने जा रहे हैं। तस्वीरों और फैशन वीडियो के लिए लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं।
रेशमा ने अपने इंस्टाग्राम फीड पर लिखा कि, ” एक सीमा होती है। यह स्मृति सिंह (भारतीय सेना के सैनिक कैप्टन अंशुमान सिंह की विधवा) का पेज/आईजी अकाउंट नहीं है। पहले प्रोफाइल डिटेल और बायो पढ़ें। कृपया गलत जानकारी और नफरत भरे कमेंट फैलाने से बचें।”
कैसे पता लगाई सच्चाई
वायरल वीडियो वाले एक पोस्ट पर कमेंट करते हुए एक इंस्टाग्राम यूजर ने रेशमा सेबेस्टियन नामक मॉडल को टैग किया था। इस जानकारी की मदद से सर्च करने पर हमने पाया कि रेशमा सेबेस्टियन ने ये वीडियो 24 अप्रैल, 2024 को पोस्ट किया था। महिला का नाता केरल से है और इंस्टाग्राम पर एक लोकप्रिय इन्फ्लुएंसर है।
जुलाई 2023 में शहीद हुए थे कैप्टन अंशुमान सिंह
बता दें कि 19 जुलाई 2023 को कैप्टन अंशुमान सिंह की सियाचिन के एक सैन्य कैंप में आग लगने के चलते मृत्यु हो गई थी. हालांकि उन्होंने अपने कई साथियों की जान बचा ली थी। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार छह जुलाई को कैप्टन अंशुमान सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया था। कीर्ति चक्र को लेकर अंशुमान की पत्नी स्मृति सिंह मायके (पिता के घर) चली गई और वहीं रह रहीं हैं। इसे लेकर अंशुमान के माता-पिता और बहू के बीच विवाद चल रहा है।
इसे लेकर कैप्टन अंशुमान के माता-पिता ने भारतीय सेना की निकटतम परिजन नीति (एनओके) में संशोधन की मांग की है। इस नीति के तहत सेना में तैनात किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर उसके निकटतम रिश्तेदार को वित्तीय मदद और सम्मान दिए जाते हैं। सैन्यकर्मी अपनी मर्जी से ‘नेक्स्ट ऑफ किन’ तय करता है।
पैसे को लेकर भी विवाद
शहीद कैप्टन अंशुमान के पिता रवि प्रताप सिंह ने पैसे से संबंधित किसी भी विवाद से पूरी तरह इनकार किया है। उन्होंने आजतक को बताया, “उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से 50 लाख रुपये की सहायता राशि दी गई थी, जिसमें से 35 लाख रुपये स्मृति को और 15 लाख रुपये हमें मिले हैं। वहीं, आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड के तहत मिले एक करोड़ रुपये में से हमें 50 लाख रुपये और 50 लाख रुपये स्मृति को मिले हैं। मैंने ऐसा कभी नहीं कहा कि मेरी बहू सारे पैसे लेकर भाग गई, हालांकि कुछ वेबसाइट्स में और सोशल मीडिया पर ये झूठा दावा किया जा रहा है।
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